गैंगस्टर आनंदपाल सिंह कौन थे? उनके ‘एनकाउंटर’ और जांच के आदेश की कहानी

गैंगस्टर आनंदपाल सिंह कौन थे? उनके ‘एनकाउंटर’ और जांच के आदेश की कहानीराजस्थान, 24 जुलाई 2024 – कुख्यात आनंदपाल सिंह एनकाउंटर केस में एक नया मोड़ आया है। एसीजेएम सीबीआई कोर्ट ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, और ऑपरेशन की वैधता को लेकर नए आरोप सामने आए हैं।

कोर्ट ने जांच के आदेश दिए

गैंगस्टर आनंदपाल सिंह कौन थे? उनके ‘एनकाउंटर’ और जांच के आदेश की कहानी कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें पहले कहा गया था कि एनकाउंटर वैध था। अब कोर्ट ने एनकाउंटर में शामिल पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं। इनमें तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, तत्कालीन अतिरिक्त एसपी विद्या प्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ और आरएसी हेड कांस्टेबल कैलाश शामिल हैं। अगली सुनवाई 16 अक्टूबर 2024 को होगी।

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आनंदपाल सिंह का पृष्ठभूमि

आनंदपाल सिंह राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के एक छोटे से गांव से थे। उनके खिलाफ हत्या, लूट, वसूली और गैंगवार से जुड़े लगभग 24 मामले दर्ज थे। सिंह का आपराधिक करियर 2006 में शुरू हुआ, जब उन्होंने डीडवाना में जीवनराम गोदरा की हत्या की। बाद में उन्हें सिकार के गोपाल फोगावट हत्या मामले से भी जोड़ा गया।

आपराधिक साम्राज्य और कुख्याति

सिंह की आपराधिक गतिविधियां पारंपरिक अपराधों से कहीं आगे बढ़ गईं। 2014 में, उन्होंने बारमेर जेल में अपने साथी बालबीर बनूदा की हत्या की और जेल में ही प्रतिद्वंद्वी गैंग के सदस्यों की हत्या की। 2015 में पुलिस हिरासत से उनकी भागने की घटना ने उनके कुख्याति को और बढ़ा दिया।

जनता और समुदाय की प्रतिक्रिया

आनंदपाल सिंह की मौत ने राजपूत समुदाय में व्यापक विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया, जिन्होंने आरोप लगाया कि उनका एनकाउंटर staged था। इन प्रदर्शनों में सड़कें जाम की गईं, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, और पुलिस के साथ झड़पें हुईं। इन प्रदर्शनों के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई और 32 लोग घायल हुए, जिनमें 20 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे।

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राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

सिंह का राजपूत समुदाय से समर्थन जाट समुदाय के साथ ऐतिहासिक संघर्ष से जुड़ा है। अपने गरीब पृष्ठभूमि के बावजूद, सिंह का अपराध की दुनिया में उभार महत्वाकांक्षा, प्रतिशोध और राजनीतिक संरक्षण द्वारा संभव हुआ। उनके राजनीतिक प्रभाव की कोशिशें और हिंसक कार्यों ने उन्हें एक विवादास्पद व्यक्तित्व बना दिया।

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मैं सुमित कुमार एक पत्रकार हूं जो सभी राज्यों की स्थानीय खबरों को कवर करता हूं। मेरे द्वारा रिपोर्ट की गई खबरें समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों और घटनाओं को उजागर करती हैं, जिससे जनता को सही और सटीक जानकारी मिलती है। मुझे पत्रकारिता के माध्यम से लोगों की आवाज बनना और उनके मुद्दों को मुख्यधारा में लाना पसंद है।
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