Andaman: पैरा-एथलीट ने खेल विभाग के अधिकारी पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप, FIR दर्ज

Andaman और निकोबार द्वीप समूह में एक स्वर्ण पदक विजेता पैरा-एथलीट ने खेल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी पर छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। घटना इस साल मार्च में हुई थी, लेकिन महिला एथलीट ने कॅरिअर प्रभावित होने के डर से पांच महीने तक मामले की रिपोर्ट नहीं की थी।

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शिकायत की पृष्ठभूमि

महिला एथलीट ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने 2022-23 में पैरा-एथलीटों के लिए पारिश्रमिक और अन्य सुविधाओं के लिए खेल विभाग को पत्र लिखा था। इसके बाद, सहायक सचिव स्तर के अधिकारी के निर्देशानुसार, उसने नोडल अधिकारी को फोन किया। नोडल अधिकारी ने उन्हें पोर्ट ब्लेयर में अपने कक्ष में मिलने के लिए बुलाया। जब वह वहां पहुंचीं, तो नोडल अधिकारी ने उनके साथ छेड़छाड़ की। महिला ने मदद के लिए चिल्लाई और वहां से भाग निकलीं।

पुलिस की कार्रवाई

महिला ने हाल ही में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर एबरडीन पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। दक्षिण अंडमान की पुलिस अधीक्षक निहारिका भट्ट ने कहा कि हम मामले से जुड़े सभी लोगों की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि महिला एथलीट ने 2021 में राष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते थे, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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एथलीट की चुप्पी का कारण

महिला एथलीट ने पुलिस को बताया कि वह अपने शॉट पुट और डिस्कस थ्रोअर करियर प्रभावित होने के डर से पांच महीने तक चुप रहीं। उनका मानना था कि अगर उन्होंने मामला उजागर किया, तो उनके खेल करियर पर बुरा असर पड़ सकता है। लेकिन अंततः उन्होंने न्याय की उम्मीद में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

समाज और खेल विभाग की जिम्मेदारी

इस घटना ने समाज और खेल विभाग की जिम्मेदारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला एथलीटों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनके साथ किसी भी तरह की अनियमितता को सख्ती से निपटाना जरूरी है। खेल विभाग को भी इस मामले में पूर्ण सहयोग देना चाहिए ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।

अंडमान में पैरा-एथलीट के साथ हुए इस घटना ने खेल विभाग और समाज की जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को सजा मिलेगी। इस घटना ने एक बार फिर से महिला एथलीटों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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