Trending News: आसाराम बापू, जो कि एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और संत के रूप में जाने जाते हैं, उन पर लगे आरोपों के बाद से विवादों में घिरे हुए हैं। उनके सेवकों का मानना है कि ये सभी आरोप राजनीतिक साजिश के तहत लगाए गए हैं। आइए जानते हैं उनके सेवकों के पांच बड़े तर्क|
1. जनता के बीच लोकप्रियता
आसाराम बापू की जनता के बीच काफी लोकप्रियता है। उनके अनुयायियों की संख्या लाखों में है। सेवकों का कहना है कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता कुछ राजनीतिक दलों के लिए खतरा बन गई थी, और इसीलिए उन्हें फंसाया गया।
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2. सामाजिक कार्यों में भागीदारी
आसाराम बापू के आश्रम द्वारा कई सामाजिक कार्य किए जाते हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और गरीबों की सहायता। सेवकों का मानना है कि इन कार्यों के कारण वे राजनीतिक दृष्टिकोण से नकारात्मक रूप से प्रभावित हुए और उन पर झूठे आरोप लगाए गए।
3. विवादित समय
आरोप लगाए जाने का समय भी सेवकों के संदेह को बढ़ाता है। जब-जब आसाराम बापू के किसी महत्वपूर्ण कार्यक्रम या आयोजन की तैयारी चल रही होती है, तब-तब उनके खिलाफ नए आरोप सामने आते हैं। सेवकों का कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश है।
4. मीडिया ट्रायल
आसाराम बापू के खिलाफ मीडिया में प्रचारित खबरों को भी सेवकों ने साजिश का हिस्सा बताया है। उनका कहना है कि मीडिया ट्रायल के जरिए उनके गुरु की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है।
5. राजनीतिक दबाव
सेवकों का दावा है कि आसाराम बापू के खिलाफ आरोपों को लेकर राजनीतिक दबाव बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ शक्तिशाली राजनीतिक हस्तियों ने इस मामले को हवा दी ताकि अपने स्वार्थ सिद्ध कर सकें।
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Trending News: राजनीतिक समर्थन
2013 में, दो प्रमुख बीजेपी नेताओं, पार्टी के उपाध्यक्ष प्रभात झा और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आसाराम बापू का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि आसाराम बापू के खिलाफ आरोप कांग्रेस पार्टी द्वारा रची गई साजिश है। झा ने यह भी कहा था कि कांग्रेस पार्टी चुनावों से पहले अपने विरोधियों के खिलाफ सभी प्रकार की राजनीतिक साजिशों में लिप्त रहती है। “आसाराम बापू पर लगाए गए बलात्कार के आरोप कांग्रेस की एक सुनियोजित साजिश है,” उन्होंने कहा था।
22 अगस्त, 2013 को उमा भारती ने ट्वीट करके आसाराम का समर्थन किया था और कहा था कि उन्हें सोनिया गांधी के परिवार का विरोध करने के लिए टारगेट किया गया है। “आसाराम बापू निर्दोष हैं। उन्हें सोनिया और राहुल गांधी का विरोध करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस शासित राज्यों में उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा रहे हैं। हम आसाराम बापू के साथ हैं,” उन्होंने ट्वीट किया था।
Trending News: आरोपों का खंडन
2013 में, आध्यात्मिक नेता आसाराम बापू ने अप्रत्यक्ष रूप से यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। “मैं किसी पार्टी का विरोध नहीं करना चाहता लेकिन मुझे बताया गया है कि यह सब मैडम और उनके बेटे (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) द्वारा रचा गया है। इसलिए, मैंने कहा, जो भी वे कर रहे हैं, उन्हें करने दें,” आसाराम बापू ने कहा था।
आसाराम बापू के सेवकों का कहना है कि वे इन आरोपों का डटकर सामना करेंगे और अपने गुरु की निर्दोषता को साबित करेंगे। उन्होंने न्यायपालिका से निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके।
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