दिल्ली की एक अदालत ने ATS Infrastructure fraud case के तहत एटीएस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रमोटर गीतांबर आनंद और उनकी पत्नी पूनम आनंद के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (Delhi Court LOC) को रद्द करने से इनकार कर दिया है। इस दंपति के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW FIR) द्वारा घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के आरोप और प्रवर्तन निदेशालय (ED money laundering case) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला शामिल है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट यशदीप चाहल ने 13 सितंबर को दिए अपने आदेश में कहा कि आरोपी जांच में सहयोग कर रहे हैं और जब भी आवश्यक हुआ, पेश हुए हैं, लेकिन लुकआउट सर्कुलर एहतियात के तौर पर जारी किया गया है ताकि न्यायिक प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि आरोपियों को विदेश यात्रा के लिए अदालत से अनुमति लेने का निर्देश दिया जा सकता है, लेकिन वे बिना अनुमति के यात्रा कर सकते हैं, और इस स्थिति में अदालत इसे लागू नहीं कर सकेगी।
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न्यायालय ने कहा कि हालांकि व्यक्तिगत स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, कुछ तार्किक प्रतिबंध कानून के तहत लगाए जा सकते हैं। अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि इस स्थिति में, LOC को रद्द करने का कोई ठोस कारण नहीं है। हालांकि, न्यायाधीश ने अधिकारियों से कहा कि यात्रा रोकने के कारणों की जानकारी देना आवश्यक है, क्योंकि यह आरोपियों का मौलिक अधिकार है।
इस मामले में घर खरीदारों की ओर से वकील संजय एबॉट ने पैरवी की।