Baba Ram Rahim को 21 दिन की फ़रलो डेरा सच्चा सौदा का बयान राजनीतिक जोड़ना गलत

Baba Ram Rahim को दी गई 21 दिन की फ़रलो को लेकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस संदर्भ में डेरा सच्चा सौदा की ओर से एक बयान जारी किया गया है,

Baba Ram Rahim को दी गई 21 दिन की फ़रलो को लेकर एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस संदर्भ में डेरा सच्चा सौदा की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बाबा राम रहीम को मिली यह फ़रलो पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत दी गई है और इसे राजनीति से जोड़ना अनुचित है।

डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता और वकील जितेंद्र खुराना ने बताया कि बाबा राम रहीम को 21 दिन की फ़रलो पर बरनावा (उत्तर प्रदेश) भेजा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह फ़रलो हरियाणा के डिवीजनल कमिश्नर, रोहतक द्वारा कानून के अनुसार प्रदान की गई है। खुराना ने कहा कि हरियाणा गुड प्रिजनर एक्ट के तहत, हर क़ैदी को साल में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फ़रलो का अधिकार है, और यह कोई विशेष सुविधा नहीं है जो सिर्फ बाबा राम रहीम को दी गई हो।

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खुराना ने उन रिपोर्ट्स का खंडन किया जो बाबा की फ़रलो को आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़ रही थीं। उन्होंने बताया कि बाबा राम रहीम ने जून 2024 में फ़रलो के लिए आवेदन किया था, जिसे हाई कोर्ट ने सुना और इस पर राज्य सरकार से भी जानकारी मांगी थी। राज्य सरकार ने बताया कि इस तरह की राहत कई अन्य क़ैदियों को भी दी गई है। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि फ़रलो की एप्लीकेशन पर हरियाणा की सक्षम प्राधिकरण को बिना किसी पक्षपात के, कानून के तहत निर्णय लेना चाहिए।

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डेरा सच्चा सौदा की ओर से यह भी कहा गया कि इस मामले को राजनीति से जोड़ना गलत है और इसे केवल कानून और अधिकारों की प्रक्रिया के तहत देखा जाना चाहिए। बाबा राम रहीम को मिली इस राहत पर विवाद खड़ा करना अनुचित है, क्योंकि यह हर क़ैदी का कानूनी हक है।

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