Haryana के एक परिवार ने अनोखी कांवड़ यात्रा के माध्यम से भोले बाबा की भक्ति का अनूठा प्रदर्शन किया है। यह परिवार हरिद्वार से भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा और गंगाजल को अपने कंधों पर लेकर बागपत पहुंचा है। इस अनोखी कांवड़ को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और सभी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
कांवड़ यात्रा का विवरण
हरियाणा के इस परिवार ने हरिद्वार से गंगाजल और भगवान शिव की प्रतिमा को विशेष कांवड़ में रखकर बागपत की यात्रा की। यह यात्रा बागपत के बड़ौत बुढ़ाना मार्ग पर स्थित दाह गांव तक पहुंची। इस अनोखी कांवड़ यात्रा को देखने के लिए स्थानीय लोग उमड़ पड़े और उन्होंने श्रद्धालुओं का स्वागत किया।
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भक्तों का उत्साह
भोलेनाथ के भक्तों की इस अनोखी कांवड़ यात्रा ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। कांवड़ियों ने अपने कंधों पर भगवान शिव की प्रतिमा और गंगाजल को लेकर पूरे समर्पण और भक्ति के साथ यात्रा की। उनके इस अद्वितीय समर्पण को देखकर लोग बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने भक्ति भाव से उनका स्वागत किया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
दाह गांव में बड़ौत बुढ़ाना मार्ग पर जब यह कांवड़ यात्रा पहुंची, तो स्थानीय लोगों ने भक्तों का स्वागत किया। कई लोग इस अनोखी कांवड़ को देखने के लिए दूर-दूर से आए थे। सभी ने भक्तों के इस अनूठे प्रयास की सराहना की और उनके भक्ति भाव को सराहा।
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निष्कर्ष
हरियाणा के इस परिवार की अनोखी कांवड़ यात्रा ने बागपत के लोगों को भक्ति और समर्पण का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। भगवान शिव की प्रतिमा और गंगाजल को कंधों पर लेकर यात्रा करना एक अद्वितीय भक्ति का प्रतीक है, जिसने सभी को प्रभावित किया है। इस यात्रा ने यह संदेश दिया है कि भक्ति और समर्पण के साथ किए गए प्रयास हमेशा सराहनीय होते हैं।
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