बांग्लादेश ने Shiekh Hasina के साथ कर दिया खेल, अब भारत में ही…!

बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री Shiekh Hasina को लगातार झटके लग रहे हैं। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। इसके साथ ही, मोहम्मद युनुस की अगुवाई वाली सरकार ने शेख हसीना के कार्यकाल में सांसदों को जारी किए गए सभी राजनयिक पासपोर्ट भी रद्द कर दिए हैं। गृह विभाग ने इस फैसले की पुष्टि की है।

गृह मंत्रालय का निर्णय

बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने 21 अगस्त की शाम को इस महत्वपूर्ण फैसले की घोषणा की। मंत्रालय ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान जारी किए गए सभी राजनयिक पासपोर्ट रद्द किए जाएंगे, जिसमें शेख हसीना का पासपोर्ट भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय व्यापक सलाह-मशविरा के बाद लिया गया है।

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पासपोर्ट रद्द करने के कारण

सूत्रों के अनुसार, अंतरिम सरकार ने पासपोर्ट रद्द करने के पीछे कई कारण बताए हैं। सबसे प्रमुख कारण यह है कि तख्तापलट के बाद शेख हसीना के खिलाफ 44 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, और भविष्य में और भी मामले दर्ज हो सकते हैं। इन आरोपों के आधार पर, सरकार ने उनके राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करना आवश्यक समझा ताकि उन पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकें।

शेख हसीना का अब तक कोई बयान नहीं

गौरतलब है कि बांग्लादेश में हिंसक आरक्षण विरोधी आंदोलन के बाद शेख हसीना को ढाका छोड़कर भागना पड़ा था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास में तोड़फोड़ की थी, और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में लूटपाट की खबरें भी सामने आई थीं। शेख हसीना ने गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरकर भारत में शरण ली और वर्तमान में दिल्ली में रह रही हैं। पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद शेख हसीना की ओर से अब तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है।

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यह घटनाक्रम बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है, और इस पर आने वाले दिनों में और भी महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।

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विभोर अग्रवाल एक अनुभवी और समर्पित पत्रकार हैं, जो सभी प्रकार की खबरों को कवर करते हैं, चाहे वह स्थानीय हों या हाइपरलोकल। उनकी रिपोर्टिंग में सटीकता और विश्वसनीयता की झलक मिलती है। विभोर का मुख्य उद्देश्य हर महत्वपूर्ण समाचार को समझकर उसे अपने दर्शकों तक पहुँचाना है। उनकी मेहनत और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में एक विशेष पहचान दिलाई है।
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