बांग्लादेश में हालात तेजी से बदलते हुए PM Sheikh Hasina ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह कदम हिंसक झड़पों के बाद उठाया गया है, जिसमें 300 लोगों की मौत हो चुकी है। विरोध प्रदर्शन की शुरुआत एक विवादास्पद सरकारी नौकरियों की कोटा प्रणाली के खिलाफ हुई थी, जो व्यापक अशांति और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग में बदल गई।
प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़पें तेज हो गईं, जिससे बड़े पैमाने पर हिंसा और जानमाल का नुकसान हुआ, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता को बढ़ा दिया। हसीना का इस्तीफा बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि देश हिंसा के बाद के प्रभावों से निपट रहा है और संभावित बदलाव और सुधार की दिशा में देख रहा है।
इस घटनाक्रम के बाद बांग्लादेश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावनाएं बढ़ गई हैं। लोग अब उम्मीद कर रहे हैं कि इस संकट के बाद देश में शांति और स्थिरता लौटेगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस स्थिति पर गहरी चिंता जताई है और बांग्लादेश में शांति और लोकतंत्र की बहाली की उम्मीद की है।