BSP की कैडर वोट बचाने की कवायद, दलित OBC, मुस्लिम गठजोड़, जिला इकाइयों का गठन

BSP (बहुजन समाज पार्टी) ने अपनी कैडर वोट बैंक को मजबूत करने के लिए संगठन में दलित, ओबीसी (OBC), और मुस्लिम गठजोड़ की रणनीति अपनाई है। पार्टी ने इस प्रयास में जिला इकाइयों का गठन किया है, जिसमें 60% पदाधिकारी अनुसूचित जाति (SC), 30% ओबीसी और 10% मुस्लिम समुदाय से होंगे। एक या दो जिलों में ही सवर्णों को तरजीह दी गई है।

BSP सपा प्रवक्ता तारिक खान की बाइट

सपा प्रवक्ता तारिक खान ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “बीएसपी का यह कदम एक सुविचारित रणनीति का हिस्सा है, जो पार्टी की जड़ों को और मजबूत करने के लिए दलित, ओबीसी और मुस्लिम समुदायों को साथ लाने की कोशिश कर रहा है।”

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तारिक खान का बयान

तारिक खान ने कहा, “बीएसपी ने हमेशा से ही दलितों और पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत की है। इस बार भी पार्टी ने संगठन में दलित, ओबीसी और मुस्लिम गठजोड़ को प्राथमिकता दी है। यह न केवल पार्टी की कैडर वोट बैंक को बचाने की कवायद है, बल्कि इन समुदायों के प्रतिनिधित्व को भी सुनिश्चित करता है।”

जिला इकाइयों का गठन

BSP ने जिला इकाइयों का गठन करते हुए अनुसूचित जाति के 60%, ओबीसी के 30% और मुस्लिम समुदाय के 10% पदाधिकारी नियुक्त किए हैं। इस कदम का उद्देश्य विभिन्न समुदायों के बीच संतुलन बनाए रखना और उनके मुद्दों को पार्टी के एजेंडे में प्रमुखता से रखना है।

संगठन में संतुलन

बीएसपी ने संगठन में संतुलन बनाए रखने के लिए एक या दो जिलों में सवर्णों को भी तरजीह दी है। यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि पार्टी के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व हो और सभी समुदायों के हितों की रक्षा की जा सके।

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अजय सर के लिए इनपुट

यह कदम बीएसपी की आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पार्टी की जड़ों को और मजबूत करने और सभी समुदायों के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। इस रणनीति का विश्लेषण और इसके प्रभावों का आकलन करना आवश्यक है।

समाप्ति

BSP की कैडर वोट बचाने की यह कवायद और संगठन में दलित, ओबीसी, मुस्लिम गठजोड़ की रणनीति एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है। सपा प्रवक्ता तारिक खान के बयान ने इस पहल की महत्वपूर्णता को और भी उजागर किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कदम का आगामी चुनावों में क्या प्रभाव पड़ता है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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