CBI (Central Bureau of Investigation) ने आदित्य बिड़ला समूह की प्रमुख कंपनी हिंडाल्को (Hindalco) के खिलाफ कोयला खनन के लिए पर्यावरण मंजूरी (Environmental Clearance) प्राप्त करने में कथित भ्रष्टाचार (Corruption) के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह मामला 2011 से 2013 के बीच की अवधि का है, जब कंपनी ने तालाबीरा-1 कोयला खदान (Talabira-1 Coal Mine) के लिए आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने में कथित तौर पर भारी रिश्वत (Bribery) दी थी।
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सीबीआई ने 2016 में प्रारंभिक जांच (Preliminary Investigation) शुरू की थी। जांच में पाया गया कि कंपनी ने केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय (Ministry of Environment and Forests) के अधिकारियों को रिश्वत दी थी ताकि वह खदान की पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त कर सके। अधिकारियों के अनुसार, मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक टी चांदिनी (T. Chandini) ने मंत्रालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर खनन की अनुमति देने में कंपनी का पक्ष लिया।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने करीब आठ साल की जांच के बाद यह मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि हिंडाल्को ने पहले दी गई पर्यावरण मंजूरियों का उल्लंघन करते हुए अतिरिक्त कोयला खनन (Illegal Coal Mining) किया। विशेष मूल्यांकन समिति (EAC) के सदस्य सचिव के रूप में चांदिनी ने कंपनी के प्रस्ताव को अनुमोदित किया, जबकि खनन नियमों का उल्लंघन हो रहा था।
प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया है कि चांदिनी ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग (Abuse of Official Position) किया और हिंडाल्को को मंजूरी देने में जल्दबाजी की। इस मामले की जांच जारी है और सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।