Expansion: डाबर और जुबिलेंट की कोका-कोला बॉटलिंग डील में दिलचस्पी, सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में बड़ा कदम

Expansion: डाबर और कोका-कोला, दोनों नाम भारतीय घरों में मशहूर हैं। हाल ही में खबरें आईं कि कोका-कोला अपनी भारतीय सब्सिडियरी ‘हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेस’ (HCCB) की वैल्यू अनलॉक करना चाहती है। इसके लिए कोका-कोला ने कई बड़े भारतीय समूहों से बातचीत शुरू की है, जिनमें डाबर ग्रुप, जुबिलेंट फूड वर्क्स, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, और एशियन पेंट्स शामिल हैं।

कोका-कोला का बॉटलिंग से अलग होना

कोका-कोला भारत में अपने बॉटलिंग कारोबार से बाहर निकलने की योजना बना रही है और सिर्फ मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है। यह रणनीति उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी पेप्सिको पहले ही अपना चुकी है। पेप्सिको ने अपनी बॉटलिंग बिजनेस को पूरी तरह से वरुण बेवरेजेस को सौंप दिया, जिससे वरुण बेवरेजेस के शेयरों में उछाल आया और इसके मालिक रवि जयपुरिया अरबपतियों की सूची में शामिल हो गए। कोका-कोला भी अब उसी राह पर चल रही है।

यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें

डाबर और जुबिलेंट की दिलचस्पी

Expansion
Expansion

डाबर पहले से ही ‘रीयल’ जूस ब्रांड के जरिए बेवरेज मार्केट में एक मजबूत खिलाड़ी है, जबकि जुबिलेंट फूड के पास डोमिनोज और डंकिन डोनट जैसी रेस्टोरेंट चेन हैं। कोका-कोला की बॉटलिंग डील से इन दोनों कंपनियों को कोका-कोला के विशाल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तक पहुंच मिलेगी, जिससे वे अपना बिजनेस एक्सपैंड कर सकेंगी। इसके साथ ही, सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट की बढ़ती इकोनॉमिक्स इन कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में बढ़ोतरी कर सकती है।

कोका-कोला के बॉटलिंग कारोबार की स्थिति

कोका-कोला की भारतीय सब्सिडियरी HCCB ने 1997 में अपना संचालन शुरू किया और वर्तमान में यह 62 प्रकार के बेवरेजेस की बॉटलिंग करती है। 2022-23 में कंपनी का मुनाफा 810 करोड़ रुपये था। कोका-कोला ने जनवरी 2024 में अपने बॉटलिंग बिजनेस को एसेट-लाइट करना शुरू किया, जिसके तहत बिहार, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे क्षेत्रों में बॉटलिंग का काम स्थानीय बॉटलर्स को सौंप दिया गया।

डील की संभावनाएं और भविष्य

Expansion: डाबर और जुबिलेंट मिलकर HCCB में 40% हिस्सेदारी खरीद सकते हैं, और यह डील करीब 1.4 अरब डॉलर की हो सकती है। ग्लोबल रिसर्च फर्म स्टेटिसटा का अनुमान है कि 2027 तक भारत का नॉन-अल्कोहॉलिक बेवरेजेस मार्केट सालाना 12% की दर से बढ़ेगा, जिससे यह डील तीनों ही कंपनियों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।

और पढ़ें

Share This Article
मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
Exit mobile version