Delhi: देश की दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों—कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)—की लड़ाई अब जमीनी मुद्दों से हटकर सोशल मीडिया पर मीम वार तक पहुंच गई है। इस वक्त जहां जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होने वाले हैं, वहीं महाराष्ट्र और झारखंड में भी चुनाव जल्द ही होंगे। इस दौरान राजनीतिक दलों के नेता न केवल जमीन पर जाकर प्रचार कर रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी एक अलग रूप में नजर आ रहे हैं।
ये चल क्या रहा है @BJP4India और @INCIndia में? ये लेवल? इतना गिर जाएँगे दोनों? देश की जनता को क्या पाठ पढ़ा रहीं दोनों पार्टियाँ? @gauravbhatiabjp और @SupriyaShrinate आप दोनों ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है। इस लड़ाई का अब अंत नहीं। किसी के चेहरे मोहरे पर कमेंटबाज़ी! उफ़्फ़! भगवान… pic.twitter.com/xMBO53Oqww
— Yashwant Singh (@yashbhadas) September 28, 2024
Delhi: सुप्रिया श्रीनेत और गौरव भाटिया के बीच मीम वार
बिल्कुल एक जैसे 🤫
— UMANNG JAIN ™ (@umanngjain) September 28, 2024
Shame to shame 🔥 https://t.co/KMbEdbJ6pA pic.twitter.com/hjx87q06rN
सोशल मीडिया पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया के बीच मीम की लड़ाई ने जोर पकड़ लिया है। दोनों नेता एक-दूसरे की पार्टी के नेताओं का मजाक उड़ाते हुए मीम पोस्ट कर रहे हैं। जहां भाजपा के नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी को लेकर मीम बना रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर तंज कसते हुए मीम पोस्ट कर रहे हैं।
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जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर चल रही इस मीम वार ने आम जनता का ध्यान भी खींचा है। वायरल हो रहे इन मीम्स पर लोग तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे हैं। कुछ लोग इसे मजेदार मान रहे हैं, तो कुछ इसे गंभीरता से लेते हुए नेताओं की आलोचना कर रहे हैं। जनता का कहना है कि इन नेताओं को जमीनी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बजाय इसके कि वे सोशल मीडिया पर मीम के जरिये एक-दूसरे का मजाक बनाएं।
चुनावी माहौल में सोशल मीडिया का प्रभाव
इस मीम वार से यह स्पष्ट है कि चुनावी माहौल में सोशल मीडिया का प्रभाव काफी बढ़ गया है। जहां नेता जनता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। हालांकि, यह मीम वार कई सवाल खड़े कर रहा है कि क्या नेताओं को वास्तविक मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहिए?