Delhi: भारत में पान मसाला कंपनियों द्वारा अपने उत्पादों में खतरनाक रसायन मिलाने का खुलासा हुआ है, जिससे उपयोगकर्ताओं की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। राष्ट्रीय तंबाकू परीक्षण प्रयोगशाला की जांच में यह बात सामने आई है कि प्रमुख पान मसाला ब्रांड्स जैसे रजनीगंधा, कमला पसंद, मधु, सुप्रीम, राजश्री, सिग्नेचर, और रौनक में निकोटीन पाया गया है, जबकि कंपनियां अपने उत्पादों को तंबाकू मुक्त बताती हैं।
Delhi: बिहार सरकार ने उठाया बड़ा कदम, 7 ब्रांडों पर लगाया प्रतिबंध
बिहार सरकार ने महाराष्ट्र की पहल के बाद 30 अगस्त, 2019 को इन पान मसाला ब्रांड्स पर विषाक्त मैग्नीशियम कार्बोनेट होने के कारण प्रतिबंध लगा दिया। इस फैसले की सराहना करते हुए, टाटा मेमोरियल सेंटर के उप निदेशक पंकज चतुर्वेदी ने कहा, “बिहार में पान मसाला पर प्रतिबंध सरकार की स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। पान मसाला कंपनियां 0% तंबाकू का दावा कर लोगों को गुमराह कर रही हैं, जबकि इनके उत्पादों में निकोटीन और अन्य हानिकारक तत्व होते हैं।”

नियमों की अवमानना: सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2011 के अनुसार, निकोटीन या तंबाकू को किसी भी खाद्य उत्पाद में मिलाना प्रतिबंधित है। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में अंकुर गुटखा मामले में निकोटीन पर प्रतिबंध लगाया था और सभी राज्यों को इसका पालन करने का आदेश दिया था। पान मसाला में निकोटीन की मौजूदगी इस आदेश का सीधा उल्लंघन है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पान मसाला एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है। मैक्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. हरित चतुर्वेदी ने बताया कि पान मसाला में निकोटीन होने से यह ज्यादा नशीला और कैंसरकारी हो जाता है। उन्होंने कहा, “इन उत्पादों का देशभर में परीक्षण होना चाहिए, क्योंकि इनके जरिए बच्चों और युवाओं को निशाना बनाया जा रहा है।”
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भारत में मुंह के कैंसर का बढ़ता खतरा
भारत में पान मसाला और गुटखा का उपयोग मुंह के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (NIHFW) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 86% मौखिक कैंसर के मरीज पान मसाला और गुटखा के सेवन के कारण हैं। हर साल 75,000 से 80,000 नए कैंसर रोगी सामने आते हैं, और उनमें से 90% चबाने वाले तंबाकू के कारण होते हैं।
बच्चों और युवाओं के लिए गंभीर खतरा
पान मसाला की कंपनियों द्वारा आक्रामक मार्केटिंग, आकर्षक स्वाद, और कम कीमत के कारण यह उत्पाद बच्चों और युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसमें मौजूद जहरीले पदार्थ मुंह, अग्नाशय, और दिल की बीमारियों के साथ-साथ प्रजनन समस्याओं का भी कारण बन रहे हैं।