Dengue: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वैश्विक डेंगू निगरानी के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अगस्त तक दुनिया भर में 12 मिलियन से अधिक डेंगू के मामले और 6,991 मौतें दर्ज की गई हैं। यह पिछले वर्ष के रिकॉर्ड 5.27 मिलियन मामलों से दोगुना से भी अधिक है। पिछले दशक में डेंगू के वार्षिक मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो अब दो से तीन मिलियन वार्षिक मामलों तक पहुँच चुका है।
भारत में डेंगू के मामलों की स्थिति
भारत में भी डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जून के अंत तक 32,000 से अधिक डेंगू के मामले सामने आए और 32 मौतें हुईं। अगस्त की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि इस साल डेंगू के मामलों में पिछले साल की तुलना में लगभग 50% की वृद्धि देखी गई है।
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डेंगू फैलने के कारण
Dengue: शहरी क्षेत्रों में बढ़ती आबादी और बस्तियों के अभाव में एडीज़ एजिप्टी मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल स्थान बन रहे हैं। साफ और ठहरे हुए पानी में मच्छर तेजी से बढ़ते हैं, खासकर मानसून के दौरान।
जलवायु परिवर्तन
तापमान में वृद्धि और अनियमित मौसम के कारण मच्छरों के प्रजनन के स्थान बढ़ रहे हैं। अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी मच्छरों का फैलाव हो रहा है, जो पहले संभव नहीं था।
लोगों की आवाजाही
वैश्विक स्तर पर लोगों और वस्तुओं की आवाजाही ने डेंगू के फैलाव को बढ़ावा दिया है। यह वायरस अन्य देशों में भी फैल रहा है, जिससे वैश्विक डेंगू महामारी का खतरा बढ़ रहा है।
डेंगू के लक्षण और जोखिम
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडीज़ एजिप्टी मच्छर द्वारा फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, तेज सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, आँखों के पीछे दर्द और चकत्ते शामिल हैं। गंभीर मामलों में अंदरूनी ब्लीडिंग हो सकती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है।
डेंगू रोकथाम के उपाय
- मच्छर के प्रजनन स्थान को खत्म करें: गमलों, पंखियों और अन्य पानी जमने वाली जगहों को साफ रखें।
- मच्छरों से बचाव: पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत बनाएं: निगरानी और प्रकोप की भविष्यवाणी पर ध्यान केंद्रित करें।
- समुदाय जागरूकता: लोगों को डेंगू के लक्षणों और रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूक करें।