Mamata Banerjee और केंद्र सरकार के बीच बलात्कार मामलों पर सख्त कानून को लेकर विवाद

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee और केंद्र सरकार के बीच एक नया विवाद सामने आया है। यह विवाद बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों पर सख्त केंद्रीय कानून की मांग को लेकर है। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त कानून की आवश्यकता पर जोर दिया था।

ममता बनर्जी की सख्त कानून की मांग

ममता बनर्जी ने बलात्कार और हत्या जैसे अपराधों पर सख्त कानून की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि इन गंभीर अपराधों से निपटने के लिए अधिक प्रभावी कानूनों की आवश्यकता है। उनका मानना है कि मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सख्त कानूनों की जरूरत है।

यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें

केंद्र सरकार का जवाब

केंद्र सरकार की ओर से महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी के दिए आंकड़ों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बलात्कार और POCSO मामलों से निपटने में देरी कर रही है और इस देरी को छिपाने की कोशिश कर रही है।

अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी को 30 अगस्त को लिखे पत्र में यह भी कहा कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) की स्थापना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले से मौजूद फास्ट ट्रैक कोर्ट्स (FTCs) को केवल बलात्कार और POCSO मामलों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, न कि सभी प्रकार के मामलों के लिए।

राज्य में लंबित मामलों पर चिंता

Untitled design - 2024-08-31T102738.525

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में लंबित बलात्कार और POCSO मामलों की बड़ी संख्या पर चिंता व्यक्त की है। अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि राज्य में 88 FTCs स्थापित किए गए हैं, लेकिन ये FTSCs नहीं हैं, जैसा कि केंद्र सरकार की योजना में था।

यहां हमारे ट्विटर से जुड़ें

उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 48,600 मामले बलात्कार और POCSO से संबंधित हैं जो अभी तक लंबित हैं। यह राज्य सरकार के लिए एक गंभीर मुद्दा है और इसे जल्द से जल्द सुलझाने की आवश्यकता है।

FTSCs की स्थापना की जरूरत

अन्नपूर्णा देवी ने यह भी स्पष्ट किया कि FTSCs में स्थायी नियुक्तियों की अनुमति नहीं है और इन अदालतों में केवल बलात्कार और POCSO मामलों को ही निपटाया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वे केंद्रीय कानूनों को सही ढंग से लागू करने के लिए सक्रिय कदम उठाएं और इन मामलों को तेज़ी से निपटाने की दिशा में काम करें।

निष्कर्ष

ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच बलात्कार मामलों पर सख्त कानून की मांग को लेकर जारी यह विवाद यह दर्शाता है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि गंभीर अपराधों के मामलों में न्याय तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रदान किया जा सके। राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

पूछे जाने वाले सवाल

ममता बनर्जी और केंद्र सरकार के बीच विवाद किस पर है?
यह विवाद ममता बनर्जी की बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों पर सख्त केंद्रीय कानून की मांग को लेकर है।

ममता बनर्जी ने सख्त कानून की मांग क्यों की है?
ममता बनर्जी का मानना है कि मौजूदा कानून पर्याप्त नहीं हैं और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए सख्त कानूनों की जरूरत है।

केंद्र सरकार का ममता बनर्जी के पत्र पर क्या जवाब है?
केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी के दिए आंकड़ों को गलत बताया और कहा कि राज्य सरकार बलात्कार और POCSO मामलों से निपटने में देरी कर रही है।

पश्चिम बंगाल में कितने लंबित बलात्कार और POCSO मामले हैं?
केंद्र सरकार के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 48,600 बलात्कार और POCSO मामले अभी भी लंबित हैं।

FTSCs का क्या उद्देश्य है?

FTSCs का उद्देश्य बलात्कार और POCSO मामलों को तेजी से निपटाना है, ताकि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके।

क्या FTSCs में स्थायी नियुक्तियां हो सकती हैं?
नहीं, FTSCs में स्थायी नियुक्तियों की अनुमति नहीं है।

और पढ़ें

Share This Article
Exit mobile version