दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शनिवार को दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (DPSRU) के कुलपति रमेश गोयल को कथित भर्ती घोटाले के कारण बर्खास्त कर दिया। यह घोटाला 2017 से 2019 के बीच शिक्षण संकायों की भर्ती में हुआ था, जिसमें गोयल पर गंभीर कदाचार का आरोप है।
भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का खुलासा
जांच समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, भर्ती प्रक्रिया में कई अनियमितताएं पाई गईं। इनमें साक्षात्कार के अंकों में छेड़छाड़, फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग, कट-ऑफ तिथियों में बदलाव, आयु सीमा में हेरफेर, कट-ऑफ अंकों की अनदेखी और आरक्षण रोस्टर का उल्लंघन शामिल हैं।
उपराज्यपाल की कड़ी कार्रवाई
इन गंभीर आरोपों के बावजूद, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि कुलपति रमेश गोयल ने गलत और भ्रामक जवाब दिए और अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की।
जांच समिति की सिफारिशें
13 अक्टूबर, 2023 को जारी जांच समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि 2017 से 2019 के बीच DPSRU में हुई भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं, अवैधताएं और पक्षपात के मामले पाए गए हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय से इस मामले की जांच किसी बाहरी एजेंसी से कराने और गोयल सहित अन्य छह अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है।
अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
एलजी सक्सेना ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के रूप में कार्यरत प्रोफेसर हरविंदर पोपली और सलाहकार आरपी शर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मंजूरी भी दी है। इसके साथ ही, 17 शिक्षाविदों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है, जिन्हें अवैध तरीके से नियुक्त किया गया था।
गोयल और उनके सहयोगियों पर गंभीर आरोप
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रोफेसर गोयल और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कदाचार बहुत गंभीर हैं। उन्होंने इस मामले की जांच के लिए समिति की सराहना भी की।