नई दिल्ली: दुनिया के सबसे बड़े अरबपतियों में से एक, Elon Musk, एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह कुछ और है। ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के जज ने मस्क की सोशल मीडिया कंपनी X (पूर्व ट्विटर) को ब्राजील में सस्पेंड करने का आदेश दिया है। इस कदम ने मस्क और जज के बीच अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गलत सूचना को लेकर चल रहे विवाद को और बढ़ा दिया है।
दरअसल, कुछ समय पहले जस्टिस मॉरिस ने मस्क को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने 24 घंटे के भीतर ब्राजील में X के लिए कोई लोकल प्रतिनिधि नियुक्त नहीं किया, तो उनकी सेवा को निलंबित कर दिया जाएगा।
मस्क इस चेतावनी को नजरअंदाज करने के बाद अब इस फैसले का सामना कर रहे हैं, जिसने उन्हें नाराज कर दिया है
जज पर Elon Musk का गुस्सा फूटा
टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक Elon Musk ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जस्टिस मॉरिस को “तानाशाह” करार दिया और आरोप लगाया कि वे ब्राजील में लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। मस्क ने X पर लिखा, “स्वतंत्र अभिव्यक्ति लोकतंत्र की नींव है, और ब्राजील में एक अनिर्वाचित जज इसे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नष्ट कर रहा है।”
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ये है पूरा मामला
इस मामले की शुरुआत अप्रैल में हुई थी, जब जस्टिस मॉरिस ने X के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। उनका आरोप था कि इस प्लेटफॉर्म ने गलत सूचना फैलाने वाले कई अकाउंट्स को बढ़ावा दिया था। प्रारंभ में, X की वैश्विक टीम ने कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए कई अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया, लेकिन इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि ये अकाउंट्स किन कानूनों का उल्लंघन कर रहे थे।
ब्राजील X के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है, जहां करीब 40 मिलियन लोग हर महीने कम से कम एक बार इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं। Elon Musk के लिए यह फैसला आर्थिक और प्रतिष्ठा दोनों के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर तब जब X पहले से ही विज्ञापनदाताओं के नुकसान से जूझ रहा है।