Haryana की 2 लोकसभा करनाल और फरीदाबाद सीटों की EVM जांच, कांग्रेस की गड़बड़ी की शिकायत पर ECI का फैसला

Haryana की दो महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों, करनाल (Karnal) और फरीदाबाद (Faridabad), की EVM (Electronic Voting Machine) जांच की जाएगी। यह निर्णय चुनाव आयोग (Election Commission of India, ECI) ने कांग्रेस उम्मीदवारों (Congress Candidates) की वोटिंग में गड़बड़ी (Voting Irregularities) की शिकायतों पर लिया है। दोनों सीटें भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीती थीं।

गड़बड़ी की शिकायतें

Haryana: कांग्रेस उम्मीदवारों ने करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों पर चुनाव परिणामों (Election Results) में गड़बड़ी की शिकायतें दर्ज कराई थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि EVM में छेड़छाड़ (Tampering) की गई थी, जिससे उनके वोट सही तरीके से नहीं गिने गए। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग ने EVM की जांच के आदेश दिए हैं।

चुनाव आयोग का निर्णय

चुनाव आयोग ने शिकायतों की जांच के बाद फैसला लिया कि EVM की सत्यापन (Verification) की आवश्यकता है। इस निर्णय के अनुसार, करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों की EVM की विस्तृत जांच (Detailed Inspection) की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतदान प्रक्रिया (Voting Process) में कोई अनियमितता (Irregularity) नहीं हुई है।

BJP की जीत

Haryana: करनाल और फरीदाबाद दोनों सीटें BJP ने बड़े अंतर से जीती थीं। इन सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों की जीत ने पार्टी की स्थिति को मजबूत किया था। हालांकि, कांग्रेस द्वारा उठाई गई शिकायतों के कारण अब इन सीटों की EVM की जांच की जाएगी।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

Haryana: कांग्रेस नेताओं ने चुनाव आयोग के इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि जांच से सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र (Democracy) की रक्षा के लिए यह जरूरी है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी (Transparent) हो और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को सख्ती से निपटाया जाए।

आगे की प्रक्रिया

Haryana: चुनाव आयोग की टीम जल्द ही करनाल और फरीदाबाद में EVM की जांच करेगी। इस प्रक्रिया में सभी संबंधित पक्षों को शामिल किया जाएगा ताकि जांच निष्पक्ष (Impartial) और पारदर्शी (Transparent) हो सके।

Haryana: निष्कर्ष

Haryana: की करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों की EVM जांच का निर्णय चुनाव आयोग द्वारा लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी, बल्कि यह भी स्पष्ट होगा कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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