Indore में पुलिस विभाग की सराहनीय कार्यशैली का एक और उदाहरण हाल ही में देखने को मिला। इंदौर-महू रोड पर एक युवक, जगदीश, अपनी 14 वर्षीय बेटी के साथ एक्टिवा से जा रहा था, जब अचानक उसे हार्ट अटैक आ गया और वह बेसुध होकर गिर पड़ा। पिता की इस हालत को देखकर बेटी घबरा गई और रोते हुए लोगों से मदद मांगने लगी। लेकिन भीड़ में से कोई भी व्यक्ति मदद के लिए आगे नहीं आया।
तभी ड्यूटी ख़त्म कर घर लौट रहे प्रधान आरक्षक राघवेंद्र रघुवंशी ने भीड़ देखकर मामले की गंभीरता को समझा और तुरंत जगदीश के पास पहुंचे। बिना समय गंवाए, उन्होंने जगदीश को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया, जिससे उसकी जान बच गई।
घटना के बाद, ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ने प्रधान आरक्षक राघवेंद्र रघुवंशी की तत्परता और मानवता को सराहते हुए उन्हें सम्मानित किया। यह घटना एक बार फिर से पुलिस विभाग के कर्मियों की तत्परता और सेवा भाव का प्रमाण है, जिन्होंने समय रहते अपनी सूझबूझ से एक व्यक्ति की जान बचाई। जगदीश के परिवार ने भी प्रधान आरक्षक का धन्यवाद करते हुए उन्हें एक असली हीरो करार दिया।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि इंदौर पुलिस न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने में कुशल है, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में भी तत्परता से कार्य कर लोगों की जान बचाने में सक्षम है।