Greater Noida: यमुना प्राधिकरण के हक में हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें 13 बिल्डरों समेत 94 संस्थाओं को करोड़ों का ब्याज चुकाने का आदेश दिया गया है। यह फैसला यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बिल्डरों और शिक्षण संस्थानों पर लागू होगा। हाईकोर्ट ने यमुना प्राधिकरण द्वारा किसानों को दिए गए 64.7 फीसदी मुआवजे के ब्याज को लेकर लंबे समय से चल रही लड़ाई में यमुना प्राधिकरण के पक्ष में निर्णय लिया है।
यमुना प्राधिकरण ने हाई कोर्ट में यह लड़ाई जीत ली है और अब बकाया ब्याज की वसूली की जाएगी। शिक्षण संस्थानों और बिल्डरों पर लगभग 6000 करोड़ रुपए बकाया हैं, जिसमें से 1458 करोड़ रुपए बिल्डरों को चुकाने होंगे। यह बकाया राशि 2010 से पहले आवंटित की गई जमीनों पर लगाई गई है। यमुना प्राधिकरण ने किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए 4000 करोड़ रुपए का लोन लिया था।
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Greater Noida: 2019 में यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा था, जब यमुना प्राधिकरण ने बकाया ब्याज की मांग की थी। कोर्ट ने अब फैसला सुनाते हुए आदेश दिया है कि सभी बकाया संस्थान और बिल्डर ब्याज की रकम चुकाएं। यदि ब्याज का भुगतान नहीं किया गया, तो इन संस्थानों पर अथॉरिटी संबंधी कार्यों पर रोक लगा दी जाएगी।
इस फैसले के बाद, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स और शिक्षण संस्थानों को भारी वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ेगा। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि वे जल्द ही ब्याज की वसूली की प्रक्रिया शुरू करेंगे और संबंधित संस्थानों और बिल्डरों को नोटिस जारी करेंगे।
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Greater Noida: इस फैसले से यमुना प्राधिकरण को बड़ी राहत मिली है और यह निर्णय उनके वित्तीय स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्राधिकरण ने इस लड़ाई को जीतकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिससे उनके भविष्य के प्रोजेक्ट्स में भी वित्तीय स्थिरता आएगी।
Greater Noida: यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि वे सभी आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सभी बकाया संस्थान और बिल्डर ब्याज की रकम समय पर चुकाएं। इस फैसले का पालन न करने पर सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी और प्राधिकरण संबंधी कार्यों पर रोक जारी रहेगी।
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