Gujarat: बुखार और फ्लू जैसे लक्षण देने वाले चांदीपुरा वायरस की चपेट में आने से गुजरात में बीते पांच दिनों में छह बच्चों ने अपनी जान गंवा दी है। राज्यभर में इस बीमारी की चपेट में आने वाले बच्चों की कुल संख्या सोमवार को 12 हो गई। चांदीपुरा वायरस बुखार का कारण बनता है, जिसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं और यह तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) का कारण बन सकता है।
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चांदीपुरा वायरस के लक्षण और प्रभाव
चांदीपुरा वायरस रैबडोविरिडे परिवार के वेसिकुलोवायरस जीनस का सदस्य है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, कमजोरी, और फ्लू जैसे लक्षण शामिल हैं। इसके अलावा, यह वायरस तीव्र एन्सेफलाइटिस का कारण बन सकता है, जिससे मस्तिष्क की सूजन होती है और यह स्थिति गंभीर हो सकती है।
Gujarat: संक्रमण के स्रोत और प्रसार
चांदीपुरा वायरस मच्छरों, टिक्स और रेत में पाई जाने वाली मक्खियों के माध्यम से फैलता है। यह वायरस 1965 में महाराष्ट्र में पहली बार दर्ज किया गया था। तब से लेकर अब तक, गुजरात में हर साल इस वायरस के मामले दर्ज होते हैं। भारत के अलावा, यह वायरस एशिया और अफ्रीका के कुछ अन्य देशों में भी पाया जाता है।
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प्रशासनिक कदम और चेतावनी
गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया है और प्रभावित क्षेत्रों में विशेष टीमें भेजी हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बच्चों और उनके परिवारों को इस वायरस से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। मच्छरों और मक्खियों से बचने के लिए कीटनाशकों का उपयोग, साफ-सफाई, और मच्छरदानी का इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है।
Gujarat: चिकित्सा सुविधा और उपचार
संक्रमित बच्चों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है और डॉक्टरों की टीमें चौबीसों घंटे उनकी स्थिति पर नजर रख रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है और सभी चिकित्सीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
Gujarat: समापन
गुजरात में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। बच्चों और उनके परिवारों को इस वायरस से बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और लोगों से अपील की जा रही है कि वे स्वास्थ्य सलाह का पालन करें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के मामले में तुरंत चिकित्सीय सहायता लें।
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