गुजरात के वडोदरा में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक मुस्लिम महिला को नया घर आवंटित किया गया है। हालांकि, इस घर में रहने का सपना उनके लिए एक कठिनाई बन गया है, क्योंकि कॉलोनी के लोग उन्हें वहां बसने नहीं दे रहे हैं।
यह घटना वडोदरा के हरनी क्षेत्र की है। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत, गरीब और असहाय लोगों के लिए नए घर बनाए जा रहे हैं और उन्हें आवंटित किए जा रहे हैं। इसी योजना के तहत, रुखसाना बेगम नामक एक मुस्लिम महिला को नया घर मिला है। लेकिन जब वह अपने परिवार के साथ इस घर में रहने आईं, तो कॉलोनी के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि हरनी क्षेत्र एक हिंदू बहुल शांतिपूर्ण क्षेत्र है और लगभग चार किलोमीटर की परिधि में मुसलमानों की कोई बस्ती नहीं है। उनका दावा है कि इससे उनके सामुदायिक वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। विरोध की स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि रुखसाना और उनके परिवार को अस्थायी रूप से घर छोड़ना पड़ा। कॉलोनीवासियों का कहना है कि यह विरोध सामुदायिक संतुलन को बनाए रखने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह 461 परिवारों के शांतिपूर्ण जीवन में आग लगाने जैसा है।
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना की जानकारी मिलते ही मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा और रुखसाना बेगम को उनका अधिकार मिलेगा। पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है ताकि रुखसाना और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रुखसाना बेगम का कहना है, “मुझे विश्वास था कि सरकार की इस योजना से हमारी जिंदगी बदल जाएगी, लेकिन हमें इस प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, इसका अंदाजा नहीं था। मुझे उम्मीद है कि प्रशासन हमारी मदद करेगा और हमें हमारे नए घर में रहने देगा।” उन्होंने यह भी कहा कि वह न्याय के लिए संघर्ष करती रहेंगी।
यह घटना समाज में धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव की एक गंभीर समस्या को उजागर करती है। प्रशासन को इस मामले में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों और सभी नागरिकों को उनके अधिकार मिल सकें। समाज को भी इस तरह के भेदभाव को समाप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।