Gujarat: क्या है Chandipura virus? कैसे इस खतरनाक वायरस को मिला ये ‘देसी नाम’

Chandipura virus In Gurjat: गुजरात में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जो विशेष रूप से बच्चों पर हमला करता है और उनकी जान ले लेता है। गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में इस वायरस (Chandipura virus) से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। हिम्मतनगर अस्पताल में अब तक चांदीपुरा वायरस से छह लोगों की मौत हो चुकी है।

चांदीपुरा वायरस (Chandipura virus) कोई नया वायरस नहीं है। इसका पहला मामला 1965 में महाराष्ट्र में दर्ज हुआ था, और इसके बाद गुजरात में भी इसके संक्रमण के मामले सामने आए। यह वायरस विशेष रूप से बरसात के मौसम में सक्रिय हो जाता है।

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यह घातक वायरस मक्खियों और मच्छरों के काटने से फैलता है। 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों में यह संक्रमण अधिक देखा जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में चांदीपुरा वायरस का प्रकोप अधिक होता है। इस वायरस का नाम सुनकर सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा हो रही है।

लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि इस वायरस का नाम चांदीपुरा (Chandipura virus) कैसे पड़ा। वास्तव में, इस वायरस का नाम किसी गांव, कस्बे या शहर के नाम की तरह लगता है। अब हम जानते हैं इस वायरस के नाम के पीछे की कहानी।

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Chandipura virus: क्यों पड़ा चांदीपुरा नाम?

साल 1965 के अप्रैल से जून के बीच नागपुर शहर के चांदीपुर गांव में एक नए वायरस का प्रकोप देखा गया। इस वायरस से प्रभावित लोगों को बुखार होने लगा। 14 से 15 साल के कई बच्चे इस वायरस की चपेट में आकर अपनी जान गंवा बैठे।

चूंकि इस वायरस का सबसे पहला मामला नागपुर के चांदीपुरा गांव में सामने आया था, इसलिए इसे चांदीपुरा वायरस (Chandipura virus) के नाम से जाना जाने लगा। यही कारण है कि इस वायरस को उसके शुरुआती स्थान के नाम पर पहचाना जाता है।

क्या है लक्षण?

बच्चों में चांदीपुरा वायरस (Chandipura virus) के शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, दस्त, सिर दर्द और ऐंठन शामिल हैं। इस वायरस से पीड़ित बच्चों में अक्सर अचानक तेज बुखार आ जाता है, उसके बाद दौरे पड़ने लगते हैं। दस्त, मस्तिष्क में सूजन और उल्टी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं, जो अंततः मृत्यु का कारण बन सकते हैं।

यह बताया गया है कि इस वायरस से संक्रमित बच्चे लक्षण दिखने के 48 से 72 घंटों के भीतर ही अपनी जान गंवा देते हैं। इस वायरस के प्रकोप को देखते हुए यह शिशुओं और वयस्कों दोनों के लिए बेहद घातक है। गुजरात सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और इस जानलेवा वायरस से बचाव के उपाय अपनाएं।

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