टोल मुद्दा और चुनावी वादा
Haryana: आगामी विधानसभा चुनाव में टोल का मुद्दा एक बार फिर से गरमाता नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने ऐलान किया है कि वे सत्ता में आने पर राज्य में टोल बूथों को बंद कराएंगे। AAP का कहना है कि टोल बूथों से जनता को भारी परेशानी होती है और यह एक बड़ा मुद्दा है जिसे हल करना उनकी प्राथमिकता होगी।
Haryana राजनीतिक हलचल
AAP manifesto के इस ऐलान के बाद हरियाणा की राजनीति में हलचल मच गई है। AAP ने दुष्यंत चौटाला और वर्तमान मुख्यमंत्री Manohar Lal Khattar पर निशाना साधा है। AAP ने आरोप लगाया है कि दुष्यंत चौटाला ने पहले इस मुद्दे का फायदा उठाया था और अब खट्टर सरकार भी इसी मुद्दे को चुनावी वादों में शामिल कर रही है।
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पिछली चुनावी वादों की समीक्षा
Haryana दुष्यंत चौटाला ने पिछले चुनावों में टोल मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और वादा किया था कि वे टोल बूथों को बंद करेंगे। हालांकि, उनके वादों को पूरा करने में सफलता नहीं मिली। इसी तरह, Khattar government ने भी पहले टोल बूथों को बंद करने का ऐलान किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
AAP की रणनीति
AAP ने जोर देकर कहा है कि टोल बूथों के कारण जनता को आर्थिक और समय की हानि होती है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी, तो वे सभी टोल बूथों को बंद कर जनता को इस समस्या से निजात दिलाएंगे।
जनता की प्रतिक्रियाएं
इस मुद्दे पर जनता की भी मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग टोल बूथों को बंद करने के पक्ष में हैं, क्योंकि इससे उनके दैनिक यात्रा में आसानी होगी। वहीं, कुछ लोग इसे चुनावी स्टंट मानते हैं और इसे वास्तविकता में बदलने को लेकर संशय में हैं।
चुनावी प्रभाव
हरियाणा की राजनीति में टोल मुद्दे ने एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गया है। आगामी चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर कौन सी पार्टी जनता का विश्वास जीतने में सफल होती है और क्या वादे हकीकत में बदलते हैं या नहीं।