Independence Day 2024: New Delhi भारत इस साल 15 अगस्त को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मना रहा है। देशभर में देशभक्ति का जज्बा देखने को मिल रहा है, और हर कोने में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगा, गर्व के साथ फहराया जा रहा है। लेकिन, तिरंगे को फहराते समय कुछ महत्वपूर्ण नियम और सावधानियों का पालन करना आवश्यक है, जिससे इसके सम्मान में कोई कमी न आए।
तिरंगा, हमारे देश की पहचान और गौरव का प्रतीक है। इसे फहराने के लिए ध्वज संहिता द्वारा कुछ सख्त दिशा-निर्देश तय किए गए हैं, जिनका पालन हर नागरिक के लिए जरूरी है। तिरंगे को सही तरीके से फहराना और उसका सम्मान बनाए रखना हमारा नैतिक और संवैधानिक कर्तव्य है।
तिरंगा फहराने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
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सही स्थिति का ध्यान रखें: जब तिरंगे को दीवार पर क्षैतिज रूप में प्रदर्शित किया जाता है, तो केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए। यदि इसे लंबवत रूप में प्रदर्शित किया जाता है, तो केसरिया हिस्सा दाहिनी ओर होना चाहिए।
ध्वज स्तंभ पर स्थान: तिरंगे को डंडे से तिरछे या लंबाई में प्रदर्शित करने पर, केसरिया पट्टी हमेशा डंडे के सिरे पर होनी चाहिए।
सम्मान और गरिमा: तिरंगे को हमेशा साफ-सुथरे और सही हालत में ही प्रदर्शित किया जाना चाहिए। यदि यह गंदा या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो इसे तुरंत हटा देना चाहिए।
तिरंगे की ऊँचाई: तिरंगे से ऊँचा या उसके बराबर कोई अन्य ध्वज नहीं फहराया जाना चाहिए, और इसे कभी भी उल्टा नहीं फहराना चाहिए।
प्रयोग और प्रदर्शन: तिरंगे का उपयोग सजावट के लिए, या कपड़ों पर कढ़ाई करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसे वाहनों पर केवल भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के खंड IX के प्रावधानों के अनुसार ही फहराया जाना चाहिए।
तिरंगे का संरक्षण: तिरंगे को कभी भी जमीन, फर्श, या पानी की सतह को नहीं छूना चाहिए। साथ ही, इसे व्यक्तिगत वस्त्रों पर मुद्रित या कढ़ाई करना भी निषिद्ध है।
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 और राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के तहत तिरंगे के सही उपयोग और प्रदर्शन के सख्त नियम हैं, जिनका पालन सभी नागरिकों को करना चाहिए। इस स्वतंत्रता दिवस पर, आइए हम सभी मिलकर तिरंगे का सम्मान करें और इसे सही तरीके से फहराने का संकल्प लें।