Indian Railways से जुड़े कर्मचारियों की निष्ठा और समर्पण का एक और उदाहरण हाल ही में सामने आया है, जिसमें एक लोको पायलट ने अपनी जान जोखिम में डालकर एक बड़ी समस्या का समाधान किया। असम के बिजनी और पतिलादाह के बीच पुल पर रुकी ब्रह्मपुत्र मेल को चलाने के लिए असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) रामजी कुमार ने अपनी बहादुरी दिखाते हुए एयर लीक की समस्या को ठीक किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग लोको पायलट की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
Indian Railways: घटना का विवरण
यह घटना 26 सितंबर की है, जब 15657 अप ब्रह्मपुत्र मेल असम में बिजनी और पतिलादाह के बीच पुल संख्या 456 पर अचानक रुक गई। लोको पायलट आर.के. रंजन और असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) रामजी कुमार ट्रेन को लेकर सफर कर रहे थे। इस दौरान अचानक ट्रेन रुक गई और पता चला कि एयर लीक की समस्या है, जिसके बिना ट्रेन को आगे बढ़ाना संभव नहीं था।
तब ALP रामजी कुमार ने अपनी जान की परवाह किए बिना पुल पर उतरकर समस्या को ठीक करने का फैसला किया। उन्होंने एक लोहे की रॉड की मदद से उस स्थान तक पहुंचा, जहां एयर लीक हो रहा था। कुमार ने बड़ी सावधानी से लीक को ठीक किया, जिसके बाद ट्रेन को आगे बढ़ाया जा सका।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
वीडियो हुआ वायरल, लोग कर रहे हैं तारीफ
26 सितंबर को लोको पायलट आर.के. रंजन और असिटेंट लोको पायलट रामजी कुमार, NFR जोन में 15657 अप ब्रह्मपुत्र मेल पर कार्यरत थे। अचानक ट्रेन असम के बिजनी और पतीलादाह के बीच ब्रिज नंबर 456 पर रुक गई। ALP आर. कुमार ने मुस्तैदी दिखाते हुए, इंजन से 21वीं बोगी तक पहुंचकर एयर लीकेज को… pic.twitter.com/NF4Vxsr4dN
— Priyanka kandpal/प्रियंका काण्डपाल (@pri_kandpal) September 30, 2024
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें लोग लोको पायलट के साहस की सराहना कर रहे हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “इन्हीं जैसे नायकों के कारण रेलवे का संचालन सुचारू रूप से हो रहा है। लोको पायलट की यह बहादुरी देखकर गर्व महसूस हो रहा है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “भाई को सलाम है। यह देखकर रेल कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण पर गर्व होता है।”
ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं
यह पहली बार नहीं है जब लोको पायलटों ने इस तरह की बहादुरी दिखाई हो। इससे पहले बिहार में भी गोरखपुर से नरकटियागंज जाने वाली ट्रेन संख्या 05497 वाल्मिकीनगर और पनियहवा के बीच पुल पर रुक गई थी। उस समय भी लोको पायलट अजय यादव और रंजीत कुमार ने जान की परवाह किए बिना UL वाल्व की लीक को ठीक किया था और ट्रेन को आगे बढ़ाया था।