रेसलर: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने रेसलर अंतिम पंघाल के खिलाफ एक गंभीर आरोप की जांच शुरू कर दी है। Wrestler Antim Panghal पर आरोप है कि उन्होंने अपने बहन को अपना आईकार्ड (ID कार्ड) देने का प्रयास किया, ताकि वह किसी प्रतियोगिता में हिस्सा ले सके। इस आरोप के सामने आने के बाद IOA ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और पंघाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
आरोप और प्रतिक्रिया
रेसलर अंतिम पंघाल, जो भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के एक प्रमुख रेसलर हैं, ने इस आरोप को खारिज किया है और कहा है कि वह निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और वह इस मामले में पूरी सच्चाई सामने लाने के लिए तैयार हैं। Icard Allegation के बारे में पंघाल ने कहा, “मैंने कभी भी अपने बहन को अपना आईकार्ड देने का प्रयास नहीं किया है। यह एक गलतफहमी है और मैं उम्मीद करता हूं कि जांच में सच्चाई सामने आएगी।
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IOA की जांच और समिति का गठन
IOA ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की है, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। समिति के सदस्यों का कहना है कि वे सभी संबंधित पक्षों से बात करेंगे और साक्ष्यों की गहन जांच करेंगे। अगर Antim Panghal के खिलाफ आरोप सिद्ध होते हैं, तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उनके खिलाफ निलंबन या अन्य कड़ी सजा शामिल हो सकती है।
भारतीय कुश्ती समुदाय की प्रतिक्रिया
इस मामले ने भारतीय कुश्ती समुदाय में हलचल मचा दी है। कई लोग पंघाल का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। Wrestling Federation of India के कई सदस्यों ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और उम्मीद जताई है कि जांच निष्पक्ष और त्वरित होगी।
IOA का सख्त रुख
रेसलर: भारतीय ओलंपिक संघ ने स्पष्ट किया है कि वह खेलों में किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगा और किसी भी दोषी को सजा देने में पीछे नहीं हटेगा। Disciplinary Action के तहत, IOA किसी भी खिलाड़ी या अधिकारी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो खेलों के उच्च मानकों का पालन नहीं करते।
भविष्य की संभावनाएं
अगर जांच में अंतिम पंघाल निर्दोष पाए जाते हैं, तो उन्हें फिर से अपने खेल करियर पर ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा। लेकिन अगर वह दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खेल करियर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। IOA Action इस मामले में निर्णायक होगा और इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि भारतीय खेल संगठनों में अनुशासनहीनता के खिलाफ कितना कड़ा रुख अपनाया जाता है।