जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर के सी-स्कीम में स्थित श्याम जूस सेंटर, जो शहर के सबसे मशहूर जूस केंद्रों में से एक है, इन दिनों चर्चा में है। यह Juice सेंटर तब सुर्खियों में आया जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां छापेमारी की और पाया कि ग्राहकों को सड़े-गले फलों से तैयार जूस परोसा जा रहा था। दुकान की स्थिति इतनी खराब थी कि हर तरफ से बदबू आ रही थी। इस छापेमारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है।
लंबी कतारों के पीछे छिपा था नर्क जैसा नजारा
श्याम जूस सेंटर वर्षों से जयपुर के लोगों के बीच प्रसिद्ध रहा है, जहां दूर-दूर से लोग ताजा जूस पीने के लिए आते थे। दुकान के बाहर हमेशा लंबी कतारें लगी रहती थीं, और लोगों को यकीन था कि उन्हें यहां केवल ताजे फलों का जूस ही मिलेगा। लेकिन जब सरकारी टीम ने यहां छापा मारा, तो अंदर का नजारा देखकर सभी दंग रह गए। वीडियो में देखा जा सकता है कि जहां लोग जूस की उम्मीद में लाइन में खड़े थे, वहीं अंदर हालात नर्क जैसे थे।
सड़े हुए फलों से तैयार हो रहा था जूस
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पाया कि सड़े हुए केले और पपीते से दुर्गंध आ रही थी। सेब भी पूरी तरह से काले हो चुके थे और सड़ने की कगार पर थे। इन सड़े हुए फलों से जूस बनाया जा रहा था, जिसमें खुशबू और एसेंस मिलाकर ग्राहकों को परोसा जा रहा था। इतना ही नहीं, जिन बोतलों में एसेंस और खुशबू रखी जाती थी, उनपर काई जमी हुई थी। फ्रीज और डीप फ्रीज भी गंदगी से भरे हुए थे, जिससे साफ था कि सफाई की बिल्कुल भी परवाह नहीं की जा रही थी।
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पैकिंग के सामान में बदबूदार काई
अतिरिक्त खाद्य आयुक्त पंकज ओझा ने जानकारी दी कि राज्य में मिलावट को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी के तहत बगड़िया भवन स्थित इस जूस सेंटर पर छापा मारा गया था। दुकान के अंदर का दृश्य देखकर यह स्पष्ट हो गया कि यहां स्वास्थ्य मानकों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही थी। सड़े हुए फलों से जूस तैयार किया जा रहा था और सफाई का नामोनिशान नहीं था। जूस और एसेंस की बोतलों पर फफूंद जमी हुई थी, जबकि पैकिंग के सामान में बदबूदार काई लगी हुई थी।
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स्वास्थ्य विभाग ने फलों को नष्ट कराया
छापेमारी के दौरान टीम ने पाया कि दुकान में सड़े-गले फलों से जूस बनाया जा रहा था, जिनपर फफूंद लगी हुई थी और चारों ओर बदबू फैली हुई थी। इसके बाद टीम ने मौके पर ही सारे फलों को नष्ट करवाया।
यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि खाने-पीने के मामलों में सतर्कता और सावधानी बरतना कितना जरूरी है, खासकर उन प्रतिष्ठानों में जहां बड़ी संख्या में लोग नियमित रूप से आते हैं।
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