Jammu-Kashmir के लिथियम भंडार का खनन अब सरकारी कंपनी करेगी, नीलामी प्रयास विफल

Jammu-Kashmir में मिले लिथियम भंडार का खनन अब सरकारी कंपनी ही करेगी। पिछले वर्ष मिले इस बहुमूल्य लिथियम भंडार की नीलामी के प्रयास विफल हो गए थे, जिसके बाद खनन मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि अब यह खनन सरकारी कंपनी के जरिये ही शुरू किया जाएगा।

Lithium जो मुख्य रूप से बैटरियों और इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होता है, वैश्विक स्तर पर अत्यधिक मांग में है। पिछले वर्ष जम्मू-कश्मीर में लिथियम भंडार की खोज ने भारत को इस महत्वपूर्ण संसाधन के प्रमुख उत्पादकों की सूची में शामिल करने की उम्मीद जगाई थी। लेकिन नीलामी के विफल हो जाने से इस महत्वाकांक्षी योजना को झटका लगा था।

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खनन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने वाली कंपनियों की कमी और प्रस्तावित शर्तों के अनुसार बोली न लगने के कारण नीलामी असफल रही। इसके बाद मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकारी कंपनी के माध्यम से खनन शुरू करने का निर्णय लिया है।

Jammu-Kashmir: अधिकारी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि लिथियम भंडार का सही और पारदर्शी तरीके से उपयोग हो। इसलिए हमने तय किया है कि सरकारी कंपनी के माध्यम से खनन कार्य शुरू किया जाएगा। इससे न केवल लिथियम का उत्पादन तेजी से होगा, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।”

Jammu-Kashmir: इस निर्णय से स्थानीय समुदायों में भी उत्साह है, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। लिथियम खनन परियोजना के लिए सरकार ने एक व्यापक योजना बनाई है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

Jammu-Kashmir: विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को लिथियम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है। भारत, जो वर्तमान में लिथियम आयात पर निर्भर है, इस निर्णय के माध्यम से अपनी आयात निर्भरता को कम कर सकता है और वैश्विक लिथियम बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकता है।

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Lithium खनन परियोजना के तहत, सरकारी कंपनी आधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग करेगी ताकि खनन प्रक्रिया को कुशल और पर्यावरण अनुकूल बनाया जा सके। इसके साथ ही, खनन के दौरान उत्पन्न होने वाले पर्यावरणीय प्रभावों को न्यूनतम रखने के लिए भी विशेष प्रबंध किए जाएंगे।

Jammu-Kashmir: इस कदम से यह भी उम्मीद की जा रही है कि इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में भी सुधार होगा। लिथियम का उपयोग बैटरियों में होता है, जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देने में मदद करता है। इससे भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

आगामी महीनों में, सरकार इस परियोजना के विभिन्न चरणों को अंतिम रूप देने के लिए आवश्यक तैयारियां करेगी। स्थानीय प्रशासन और समुदायों के साथ सहयोग कर इस परियोजना को सफल बनाने का प्रयास किया जाएगा।

Jammu-Kashmir: यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकारी कंपनी किस प्रकार से इस परियोजना को अंजाम देती है और लिथियम खनन के माध्यम से भारत को ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में कितना सफल होती है। सरकार का यह निर्णय न केवल लिथियम उत्पादन के लिए बल्कि स्थानीय विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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मनीष कुमार एक उभरते हुए पत्रकार हैं और हिंदी States में बतौर Sub-Editor कार्यरत हैं । उनकी रुचि राजनीती और क्राइम जैसे विषयों में हैं । उन्होंने अपनी पढ़ाई IMS Noida से की है।
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