Haryana: कांवड़ यात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा गाड़ियों पर डीजे नहीं लगाने के निर्देश ने डीजे संचालकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पुलिस की मंशा कांवड़ यात्रा के दौरान हाई साउंड में डीजे चलाकर हुड़दंग मचाने वालों पर शिकंजा कसने की है, लेकिन इससे एडवांस बुकिंग कर चुके डीजे संचालक टेंशन में आ गए हैं।
पुलिस प्रशासन के निर्देश
कैथल पुलिस प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए गाड़ियों पर डीजे नहीं लगाने के निर्देश जारी किए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाई साउंड में डीजे चलाने से न केवल ध्वनि प्रदूषण होता है बल्कि इससे हुड़दंग मचाने वालों को भी प्रोत्साहन मिलता है। इस वजह से यात्रा के दौरान डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
Haryana: डीजे संचालकों की समस्याएं
पुलिस प्रशासन के इस निर्देश से डीजे संचालक खासे परेशान हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे बजाने के लिए उन्होंने पहले से ही एडवांस बुकिंग कर ली थी। अब इन बुकिंग्स को कैंसिल करने से उन्हें आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा। कई डीजे संचालकों ने उपकरण खरीदने और अपग्रेड करने के लिए भारी निवेश किया है, और ऐसे में प्रतिबंध उनके व्यवसाय पर बुरा असर डाल सकता है।
डीजे संचालकों की प्रतिक्रिया
एक डीजे संचालक ने कहा, “हमने कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे बजाने के लिए कई बुकिंग्स ली थीं। अब पुलिस के इस आदेश से हमें इन्हें कैंसिल करना पड़ेगा, जिससे हमें भारी नुकसान होगा। हमने एडवांस पेमेंट भी ली थी, जिसे अब लौटाना पड़ेगा।”
पुलिस की मंशा
पुलिस का कहना है कि उनकी मंशा केवल शांति व्यवस्था बनाए रखना है। कांवड़ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डीजे के तेज आवाज से न केवल ध्वनि प्रदूषण होता है, बल्कि इससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जाता है।
जनता की प्रतिक्रिया
कैथल की जनता ने पुलिस के इस फैसले का स्वागत किया है। कई लोगों का मानना है कि कांवड़ यात्रा एक धार्मिक और शांतिपूर्ण आयोजन है और इसमें तेज आवाज में डीजे बजाने की कोई जरूरत नहीं है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह एक अच्छा कदम है। कांवड़ यात्रा में शांति और भक्तिभाव बनाए रखना जरूरी है। पुलिस का यह फैसला सही दिशा में कदम है।”
Haryana: समापन
कैथल में कांवड़ यात्रा के दौरान गाड़ियों पर डीजे नहीं लगाने के निर्देश ने डीजे संचालकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, लेकिन पुलिस की मंशा शांति व्यवस्था बनाए रखने की है। यह निर्णय न केवल ध्वनि प्रदूषण को कम करेगा बल्कि यात्रा के दौरान हुड़दंग मचाने वालों पर भी शिकंजा कसेगा। हालांकि, इससे डीजे संचालकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ेगा, परंतु जनता की सुरक्षा और शांति को प्राथमिकता देना जरूरी है।