Kamala Harris की संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद के लिए जीत ने भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व का क्षण प्रस्तुत किया है। उनके पैतृक गांव में स्थानीय निवासियों ने पटाखे फोड़े और उत्सव मनाया। उनके मामा, 79 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षाविद बालचंद्रन, जो नई दिल्ली में रहते हैं, ने पत्रकारों के अंतहीन फोन कॉल का जवाब दिया।
भारत में खुशी का माहौल
कमला हैरिस की जीत से भारत में एक विशेष प्रकार की खुशी और गर्व का माहौल है। उनके मामा बालचंद्रन ने वीओए से कहा, “मैं कमला के लिए खुश हूं, लेकिन हम सभी के लिए भी खुश हूं।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा माहौल को लेकर चिंता जताई, लेकिन साथ ही उम्मीद जताई कि कमला हैरिस का नेतृत्व सकारात्मक बदलाव ला सकेगा।
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भारतीय समुदाय के लिए गर्व का क्षण
अमेरिका में भारतीय समुदाय के लिए कमला हैरिस का चुनाव एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हैरिस पहली महिला, पहली अश्वेत उम्मीदवार और पहली भारतीय अमेरिकी के रूप में उपराष्ट्रपति पद पर चुनी गई हैं। यह एक ऐसा क्षण है जो भारतीय समुदाय की प्रगति और उपलब्धियों का प्रतीक है।
बालचंद्रन की यादें और अनुभव
बालचंद्रन ने याद किया कि लगभग छह दशक पहले उनकी बहन श्यामला गोपालन चेन्नई से अमेरिका पढ़ाई के लिए आई थीं। वहीं उन्होंने हैरिस के पिता, जो जमैका के निवासी थे, से विवाह किया। बालचंद्रन ने कहा कि हैरिस ने बड़े होते हुए जो मूल्य सीखे वे सरल और महत्वपूर्ण थे। “किसी को भी इस आधार पर मत आंकिए कि वह क्या खाता है, उसका धर्म क्या है, वह कौन सी भाषा बोलता है और ऐसी कोई भी बात नहीं है। मूल रूप से, एक इंसान बनिए और हमारे परिवार में इंसान होने को लेकर कोई खास बात नहीं है।”
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इंदिरा गांधी से तुलना
भारत ने 50 वर्ष से भी अधिक समय पहले इंदिरा गांधी के रूप में एक महिला नेता को देखा था, जो 1966 में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। कमला हैरिस की जीत से भारतीय समाज को एक बार फिर याद दिलाया गया है कि महिलाओं की नेतृत्व क्षमता कितनी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
कमला हैरिस की उपराष्ट्रपति पद की जीत भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है। उनकी सफलता ने भारतीय मूल के लोगों के लिए एक प्रेरणा का काम किया है और यह दिखाया है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उनके मामा बालचंद्रन और अन्य परिवारजनों की खुशी इस बात का प्रतीक है कि कमला हैरिस की जीत से न केवल अमेरिका, बल्कि भारत में भी खुशी का माहौल है।
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