Karachi के प्रमुख व्यवसायी दानिश इकबाल की पत्नी, नताशा दानिश अली, एक दुखद हादसे के बाद गंभीर कानूनी समस्याओं का सामना कर रही हैं, जिसमें उन्होंने कथित रूप से दो लोगों की जान ले ली और अन्य को घायल कर दिया। इस घटना ने सार्वजनिक ध्यान आकर्षित किया है, खासकर अधिकारियों द्वारा मामले को संभालने के तरीके को लेकर।
घटना का विवरण
कराची की एक रात, नताशा कथित रूप से अपने लैंड क्रूजर को चला रही थीं, जब उन्होंने दो व्यक्तियों को कुचल दिया और अन्य को घायल कर दिया। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों का कहना है कि नताशा नशे में थीं और हादसे के बाद भागने का प्रयास कर रही थीं। हालांकि, स्थानीय लोगों ने उन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।
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मामला बहादुराबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया और नताशा को हिरासत में लिया गया। गंभीर आरोपों के बावजूद, जिन्हें पाकिस्तान दंड संहिता (PPC) की विभिन्न धाराओं में दर्ज किया गया है, नताशा को अदालत द्वारा एक दिन का शारीरिक रिमांड दिया गया। इस घटना ने सोशल मीडिया पर आक्रोश पैदा कर दिया, जिसमें कई लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या नताशा को उनके सामाजिक दर्जे के कारण विशेष व्यवहार मिल रहा है।
नताशा दानिश अली कौन हैं?
नताशा दानिश अली, दानिश इकबाल की पत्नी हैं, जो गुल अहमद एनर्जी लिमिटेड, इसके संबद्ध कंपनियों और मेट्रो पावर ग्रुप के चेयरमैन हैं। यह जोड़ा कराची के उच्चवर्गीय केडीए स्कीम-1 इलाके में रहता है। नताशा खुद मेट्रो पावर कंपनी लिमिटेड की बोर्ड सदस्य हैं, जहां उनके पति मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।
कराची के समृद्ध व्यवसायिक समुदाय से जुड़े होने के कारण, नताशा के मामले में विशेष व्यवहार मिलने की अटकलें लगाई जा रही हैं। आलोचकों का कहना है कि गंभीर आरोपों के बावजूद, नताशा को पुलिस हिरासत में रात भर नहीं रखा गया और उन्हें घर लौटने की अनुमति दी गई। इसने कानून के प्रवर्तन में दोहरे मानदंडों के आरोपों को जन्म दिया है।
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कानूनी कार्यवाही और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ रहा है, नताशा को देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है, जो कि उन्होंने कथित तौर पर कानूनी परिणामों से बचने का प्रयास करने के बाद लगाया गया है। उनके वकील ने तर्क दिया है कि नताशा मानसिक तनाव के लिए दवा ले रही थीं और हादसे के समय पूरी तरह से अपने कार्यों से अवगत नहीं थीं।
इस घटना को लेकर सार्वजनिक आक्रोश तीव्र है, और कई लोग मांग कर रहे हैं कि न्याय बिना किसी भेदभाव के किया जाए। मामला पाकिस्तान के कानूनी तंत्र में विशेषाधिकार और जवाबदेही के मुद्दों को उजागर कर रहा है, और सोशल मीडिया पर लोग इसकी विकासशील स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
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