Koda Millet Halwa Recipes: कोदो बाजरा (Kodo Millet) मूल रूप से सूखा प्रतिरोधी फसल है। कोदो बाजरा सभी खाद्यान्नों में सबसे मोटा होता है। इसका दाना एक सींग वाले बीज के आवरण से ढका होता है जिसे पकाने से पहले हटा देना चाहिए। यह मुख्य रूप से भारत (India) में उगाया जाता है। यह एक छोटा, बीज वाला अनाज है। इसका रंग हल्के भूरे से गहरे भूरे रंग में भिन्न होता है। यह भारत के कुछ हिस्सों में उपवास (fasting) में इस्तेमाल किया जाने वाला एक लोकप्रिय भोजन है। आइए जानतें हैं कोदो के हलवा (Kodo Millet Halwa) की रेसिपी।
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कोदो का हलवा बनाने के लिए सामाग्री
कोदो स्वा 1 कप (Kodo Millet)
पानी – 6 कप (Water)
पी 4 बड़े चम्मच (Ghee)
गुड 3/4 कप (Jaggery)
खरबूजे के बीज – 2 बड़े चम्मच घी में तला हुआ (Melon Seeds)
कोदो का हलवा बनाने की विधि
एक मिट्टी के बर्तन में घी (Ghee) डालकर गर्म करें।
फिर इसमें कोदो रवा (Kodo Millet Flour) डालकर एक या दो मिनट तक भूनें। इसे एक कप पानी में आधे घंटे के लिए भिगो दें। बचा हुआ पानी उबालें और जिस पानी में वह भिगोया हुआ है उसमें रवा डालें।
इसे धीमी आंच पर नरम होने तक पकने दें। फिर पिघले हुए गुड़ की चाशनी (Jaggery Syrup) डालें और पकने तक पकाएं। तले हुए तरबूज के बीज से गार्निश करें (Garnish with Fried Melon Seeds)।
स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
कोदो बाजरा (Kodo Millet) विटामिन (Vitamins) का एक अच्छा स्रोत है। विटामिन बी 6, नियासिन, फोलिक एसिड और खनिज जैसे कैल्शियम (Calcium), लोहा (Iron), मैग्नीशियम (Magnesium) और जस्ता (Zinc)।
यह पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) जैसे एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) से भरपूर होता है।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) और उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) के स्तर जैसे हृदय रोगों (Heart Diseases) के लक्षणों से पीड़ित पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं के लिए यह बहुत फायदेमंद है।
कोदो बाजरा में लेसिथिन (Lecithin) की उच्च मात्रा होती है और यह तंत्रिका तंत्र (Nervous System) को मजबूत करने के लिए उत्कृष्ट है।
यह लस मुक्त है और उन लोगों के लिए अच्छा है जो लस असहिष्णु (Gluten Intolerant) हैं।
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