Kolkata में रेजीडेंट डॉक्टर की हत्या के मामले ने देशभर में चिकित्सा जगत में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। इस घटना के बाद जयपुर के MSMS मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी अपना रोष प्रकट किया है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने एकजुट होकर इस निर्मम हत्या के विरोध में प्रदर्शन करने का फैसला किया है। जयपुर एसोसिएशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर (JARD) की ओर से आज सुबह 11 बजे से पूर्ण शटडाउन का ऐलान किया गया है।
इस मामले की शुरुआत कल Kolkata में हुई थी जब एक रेजीडेंट डॉक्टर की हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल कोलकाता के मेडिकल कॉलेजों में बल्कि पूरे देश में डॉक्टर समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। डॉक्टरों ने मांग की है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और सख्त से सख्त सजा दी जाए।
Kolkata: जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी इस मुद्दे पर गंभीर प्रतिक्रिया दी है। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें सुरक्षित कार्यस्थल की आवश्यकता है और अगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता, तो इससे चिकित्सा सेवाओं में गंभीर संकट पैदा हो सकता है। डॉक्टरों ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर अपने काम के दौरान गंभीर जोखिम उठाते हैं और ऐसे में अगर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तो यह न केवल डॉक्टरों के लिए बल्कि मरीजों के लिए भी खतरे का विषय है।
आज सुबह 11 बजे से जयपुर में कंप्लीट शटडाउन का ऐलान किया गया है, जिसके तहत सभी चिकित्सा सेवाएं बंद रहेंगी। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जयपुर एसोसिएशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर (JARD) के बैनर तले डॉक्टरों ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने काले बैंड पहनकर और तख्तियां लेकर विरोध जताया। उन्होंने नारेबाजी करते हुए न्याय की मांग की और चेतावनी दी कि अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं होती, तो वे अपने विरोध को और तेज करेंगे।
Kolkata: डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, तब तक वे अपने विरोध को जारी रखेंगे। उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि वे इस मामले में उनके साथ खड़े रहें, ताकि सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाया जा सके। प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने बताया कि इस हत्या के बाद चिकित्सा जगत में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है, जिसे जल्द से जल्द दूर करना जरूरी है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने सरकार से मांग की है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए जाएं और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों के साथ हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।