Maharashtra की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। बीड से जीते शरद गुट के सांसद ने अजित पवार को फोन किया, जिसके बाद राज्य की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू हो गया। राजनीतिक गलियारों में इस फोन कॉल को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं। कुछ विश्लेषकों का मानना था कि यह फोन कॉल राज्य में नए गठबंधन की दिशा में एक कदम हो सकता है।
मगर अब इस संदर्भ में सफाई आई है। सांसद ने कहा कि यह फोन कॉल सिर्फ व्यक्तिगत और सामान्य बातचीत के लिए था और इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी पार्टी और नेता शरद पवार के साथ मजबूती से खड़े हैं और किसी अन्य दल में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने आगे बताया कि उनके और अजित पवार के बीच पुरानी दोस्ती है और यह कॉल उसी का हिस्सा था।
अजित पवार के साथ फोन पर बातचीत की खबर फैलने के बाद विरोधी दलों ने इसे लेकर बयानबाजी शुरू कर दी थी। कुछ नेताओं ने इसे सत्ता के लिए एक और राजनीतिक चाल करार दिया, जबकि कुछ ने इसे महज अफवाह बताया। हालांकि, सांसद की सफाई के बाद स्थिति कुछ हद तक स्पष्ट हो गई है।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी संभव है और यहां की राजनीतिक परिस्थिति हमेशा अस्थिर रहती है। राज्य में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह घटना राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।