West Bengal: संघर्षरत परिवार से आने वाले अभिजीत रॉय ने अपनी अत्यधिक वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद जेईई में 191वीं रैंक हासिल कर प्रतिष्ठित आईआईटी, खड़गपुर में प्रवेश पाया है। अभिजीत की यह सफलता उनके कठिन परिश्रम और अडिग आत्मा का प्रमाण है।
परिवार की कठिन परिस्थितियाँ:
अभिजीत का परिवार मालदा में एक छोटे, तंग घर में रहता है। उनके पिता लापता हैं और परिवार में उनकी मानसिक रूप से विक्षिप्त मां और बुजुर्ग दादा ही बचे हैं। उनके दादाजी परिवार का भरण-पोषण करने के लिए इलेक्ट्रिक रिक्शा चलाते हैं। इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद, अभिजीत ने अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत जारी रखी।
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West Bengal: अभिजीत की सफलता की कहानी:
अभिजीत रॉय ने अपनी मेहनत और दृढ़ता के बल पर जेईई में 191वीं रैंक हासिल की। उनकी यह सफलता न केवल उनके परिवार के लिए गर्व का विषय है, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा है जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। आईआईटी, खड़गपुर में प्रवेश पाना अभिजीत के लिए एक बड़ा अवसर है और उन्होंने साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और समर्पण से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
समुदाय और समर्थन:
West Bengal: अभिजीत की सफलता ने उनके समुदाय में भी एक नई उम्मीद जगाई है। स्थानीय लोगों और मित्रों ने उनकी इस उपलब्धि की सराहना की है और उनके परिवार की मदद करने के लिए आगे आए हैं। कई संगठनों और व्यक्तियों ने भी अभिजीत की पढ़ाई और जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करने की पेशकश की है।
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अभिजीत का संदेश:
अभिजीत रॉय का कहना है कि उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे। उनकी कहानी यह संदेश देती है कि कठिन परिस्थितियों में भी हार मानने की जरूरत नहीं होती। उनकी यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि समर्पण और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
West Bengal: निष्कर्ष:
अभिजीत रॉय की सफलता एक प्रेरणादायक कहानी है जो यह दिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अभिजीत ने साबित कर दिया है कि सच्ची मेहनत और समर्पण के साथ किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
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