खेलों की बात करें, खासकर ओलंपिक में, तो Haryana ने देश को कुछ बेहतरीन एथलीट दिए हैं, लेकिन ज्यादातर मुक्केबाज और पहलवानों के रूप में। Manu Bhaker ने स्कूल में टेनिस, स्केटिंग और बॉक्सिंग जैसे खेलों को आजमाने के बाद एक अलग रास्ता चुना। खेल ही मोनू का जुनून था, और उन्होंने ‘थंग ता’ नामक एक मार्शल आर्ट में राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते। भाकर ने शूटिंग को उसी तरह अपनाया जैसे मछली पानी में तैरती है, और जल्दी ही संकेत दिए कि वे इस खेल में उच्चतम शिखर तक पहुँचने वाली हैं। यह यात्रा पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने के साथ एक गौरवशाली पल में समाप्त हुई।
शूटिंग का सफर: एक निर्णायक मोड़
मोनू ने 14 साल की उम्र में शूटिंग को आजमाने का निर्णय लिया – यह निर्णय 2016 रियो ओलंपिक के समाप्त होने के बाद लिया गया था। विभिन्न खेलों को आजमाने के बाद, भाकर को शूटिंग से तुरंत प्रेम हो गया। एक हफ्ते के भीतर, उन्होंने अपने पिता से एक स्पोर्ट शूटिंग पिस्टल खरीदने को कहा क्योंकि वे इसे पेशेवर रूप से अपनाना चाहती थीं। उनके पिता, जो भाकर की यात्रा में हमेशा समर्थन करते रहे हैं, ने बिना ज्यादा विचार किए उन्हें एक गन खरीद दी, और बाकी इतिहास है। मोनू ने किशोरावस्था से ही राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर तिरंगे को ऊंचा उठाया है।
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राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मोनू का जलवा
2017 राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में, मोनू भाकर ने ओलंपियन और पूर्व विश्व नंबर 1 हीना सिद्धू को हराकर सुर्खियाँ बटोरीं। उनके रिकॉर्ड स्कोर 242.3 ने इतिहास की किताबों में उनका नाम दर्ज कर दिया, 10 मीटर एयर पिस्टल श्रेणी में उनका स्कोर रिकॉर्ड बुक में सबसे ऊपर रहा। उन्होंने 2017 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीता और 2018 में मोनू ने ग्वाडलजारा में इंटरनेशनल स्पोर्ट शूटिंग फेडरेशन (ISSF) विश्व कप में पदार्पण करते हुए विश्व स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, इस इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में जूनियर विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया। सिर्फ 16 साल की उम्र में, मोनू ISSF विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे युवा भारतीय बनीं।
लगातार सफलता की कहानी
मोनू ने 10 मीटर एयर पिस्टल के व्यक्तिगत और मिश्रित टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीतना जारी रखा। 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में, मोनू भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्वर्ण पदक जीतकर एक नया खेल रिकॉर्ड स्थापित किया।
टोक्यो से पेरिस तक: मोनू का सफर
मोनू भाकर ने 2019 म्यूनिख ISSF विश्व कप में चौथे स्थान के साथ टोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह पक्की की। उन्होंने फिर 2021 नई दिल्ली ISSF विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण और रजत पदक जीते, जिससे टोक्यो ओलंपिक में शूटिंग में पदक की उम्मीदें बढ़ीं। लेकिन, पिस्टल में खराबी के कारण वे पोडियम पर स्थान नहीं बना सकीं, हालांकि भाकर ने क्वालिफिकेशन राउंड में शीर्ष स्थान प्राप्त किया था। हरियाणा की यह शूटर, हालांकि, पेरिस में सुधार के लिए तैयार थी।
इस प्रकार, मोनू भाकर की यात्रा, चुनौतियों और असफलताओं के बावजूद, प्रेरणा और दृढ़ता की कहानी है। पेरिस ओलंपिक 2024 में उनका ऐतिहासिक प्रदर्शन भारत के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है।