Breaking News in Hindi: National Testing Agency)(NTA) ने रविवार को एक बयान में बताया कि नीट-यूजी परीक्षा (NEET-UG Exam) में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 अभ्यर्थियों में से 750 ने दोबारा आयोजित परीक्षा में भाग नहीं लिया। एनटीए के अनुसार, यह आंकड़ा 48 प्रतिशत का है, जो परीक्षा में दोबारा शामिल होने वाले छात्रों की तुलना में काफी अधिक है।
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एनटीए ने यह परीक्षा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोजित की थी, जिसमें 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे और उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया गया था। हालांकि, इन छात्रों में से लगभग आधे ही परीक्षा में उपस्थित हुए, जबकि बाकी ने अनुपस्थिति दर्ज कराई।
एनटीए के अनुसार, परीक्षा के लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ की गई थीं और छात्रों को परीक्षा केंद्रों पर समय पर पहुँचने की सूचना दी गई थी। इसके बावजूद, परीक्षा में इतनी बड़ी संख्या में अनुपस्थिति ने सभी को चौंका दिया है।
इस मामले पर शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि छात्रों के दोबारा परीक्षा न देने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तैयारी का अभाव, व्यक्तिगत समस्याएँ, या फिर परीक्षा की आवश्यकता को न समझ पाना। इसके अलावा, कुछ छात्रों ने पहले ही अपने ग्रेस मार्क्स के आधार पर अन्य संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर लिया होगा, जिससे वे इस परीक्षा को गैर-आवश्यक समझ सकते हैं।
एनटीए ने इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया है और छात्रों को भविष्य में बेहतर तैयारी और जानकारी देने के लिए कदम उठाने की बात कही है।