घर House खरीदें या किराये पर रहें, जानिए कौन सा विकल्प बेहतर है

आज के दौर में घर (house) का मालिक होना हर व्यक्ति का सपना होता है। यह न केवल सुरक्षा की भावना देता है बल्कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में भी देखा जाता है। हालांकि, घर खरीदने में ज्यादा लागत और लॉन्ग टर्म लोन शामिल होते हैं। अगर हाउसिंग मार्केट महंगा है और आपके पास सीमित बजट है, तो किराए पर लेना सस्ता हो सकता है। आइए जानें कि दोनों विकल्पों के फायदे और नुकसान क्या हैं।

घर खरीदने का इमोशनल और फाइनेंशियल पहलू

घर खरीदने की बात आती है तो इमोशनल होना आसान है। यदि आप लॉन्ग टर्म के लिए सोच रहे हैं और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत बनाना चाहते हैं, तो घर खरीदना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि, इसके लिए आपको बड़ी रकम डाउन पेमेंट के रूप में चुकानी होती है और शेष राशि के लिए लोन लेना पड़ता है।

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गणित से समझें घर खरीदने का खर्चा

उदाहरण के लिए, मान लीजिए दिल्ली एनसीआर में किसी लोकेशन पर 3बीएचके फ्लैट का साइज 1200 स्क्वायर फीट है और उसका प्रति स्क्वायर फीट का रेट 10,000 रुपये है। इस हिसाब से उस फ्लैट की कीमत 1.2 करोड़ रुपये हो जाएगी। यदि आप 20% डाउन पेमेंट करके यह फ्लैट खरीदते हैं, तो आपको बैंक से लगभग 1 करोड़ रुपये का लोन लेना पड़ेगा। इस लोन के लिए आपको 89,973 रुपये की मासिक ईएमआई चुकानी होगी। इसका मतलब है कि अगर आप 1 करोड़ रुपये का होम लोन लेते हैं, तो आपको बैंक को कुल मिलाकर 2.15 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा।

किराए पर रहने का खर्चा

दूसरी ओर, अगर आप 25,000 रुपये प्रति माह के रेंट पर एक 3बीएचके फ्लैट लेते हैं, तो एक साल में 3 लाख रुपये चुकाएंगे। यह हमने एक औसत माना है। अगले साल अगर मकान मालिक 10% रेंट बढ़ाता है, तो आप उस साल 3,30,000 रुपये चुकाएंगे। इस तरह, यदि हर साल आपका रेंट 10% बढ़ता है, जो कि शहरों में औसतन होता है, तो आप 20 साल में रेंट के तौर पर कुल 1,71,82,596 यानी 1 करोड़ 71 लाख रुपये चुकाएंगे।

इस हिसाब से देखा जाए तो घर खरीदने पर आप रेंट लेने के बजाय एक्स्ट्रा खर्च करेंगे। हालांकि, घर खरीदने के अपने फायदे भी हैं जैसे कि संपत्ति की बढ़ती कीमतों का लाभ, व्यक्तिगत जगह और सुरक्षा। वहीं, किराए पर रहने के भी अपने फायदे हैं जैसे कि फ्लेक्सिबिलिटी और कम वित्तीय दायित्व।

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अंततः, यह निर्णय आपके व्यक्तिगत और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। अगर आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत है और आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के रूप में सोचते हैं, तो घर खरीदना बेहतर हो सकता है। लेकिन अगर आप अपने खर्चों को नियंत्रित रखना चाहते हैं और लोकेशन के हिसाब से बदलाव करना चाहते हैं, तो किराए पर रहना सस्ता और सुविधाजनक हो सकता है।

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