Pakistan में एक 40 वर्षीय महिला, शगुफ्ता किरण, को सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद की शान में गुस्ताखी करने के लिए फांसी की सजा सुनाई गई है। शगुफ्ता का 4 साल का बेटा भी है। महिला ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।
महिला का अपराध
महिला पर सोशल मीडिया पर ईशनिंदा का मैसेज शेयर करने का आरोप है। यह मामला 2020 में एक यूजर द्वारा दर्ज कराया गया था। महिला पर पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम (PECA) और पाकिस्तान दंड संहिता (PPC) की धारा 295 के तहत मामला दर्ज किया गया।
यहां हमारे व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें
वकील का पक्ष
महिला के वकील का कहना है कि शगुफ्ता ने केवल पोस्ट को शेयर किया था, और असली अपराधी जिसने यह मैसेज बनाया, वह आजाद घूम रहा है। वकील ने कहा कि महिला को गलत तरीके से फंसाया गया है।
ईशनिंदा कानून पर सवाल
Pakistan के ईशनिंदा कानूनों का गलत इस्तेमाल हो रहा है, जैसा कि अमेरिका स्थित क्लूनी फाउंडेशन फॉर जस्टिस की एक रिपोर्ट में बताया गया है। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस कानून के दुरुपयोग पर सवाल उठाए हैं।