हाल ही में Pakistan के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने भारतीय राजनीतिक दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (NC), के साथ आर्टिकल 370 के मुद्दे पर समानता जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों का दृष्टिकोण इस मामले में उनके समान है।
आर्टिकल 370, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था, को भारत सरकार ने 2019 में रद्द कर दिया था। इसके बाद से इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। ख्वाजा आसिफ का मानना है कि कांग्रेस और NC ने आर्टिकल 370 के मामले में जो रवैया अपनाया है, वह पाकिस्तान के नजरिए के करीब है।
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उन्होंने यह भी कहा कि भारत में राजनीतिक अस्थिरता और जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर Pakistan की चिंताएं सही हैं। आसिफ ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा भी उठाया और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की आवश्यकता बताई।
इस बयान के बाद भारतीय राजनीति में एक बार फिर विवाद छिड़ गया है। कई राजनीतिक विश्लेषक इसे कांग्रेस और NC के लिए चुनौती मान रहे हैं। कांग्रेस और NC ने पहले भी पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को लेकर स्पष्टता दिखाई है।
आसिफ का यह बयान इस बात को दर्शाता है कि कैसे Pakistan भारतीय राजनीति में अपनी रुचि रखता है और इसे अपने लाभ के लिए उपयोग करने की कोशिश करता है। यह मामला भारत-Pakistan संबंधों में और जटिलता जोड़ता है।

साथ ही, यह भी ध्यान देने योग्य है कि भारतीय नेताओं को ऐसे बयानों का उचित जवाब देने की आवश्यकता है ताकि राष्ट्रीय हितों की रक्षा हो सके।