Pakistani: भारत में हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ने की कोशिशों के बीच उत्तराखंड के रुड़की में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। रुड़की के कलियर में स्थित विश्व प्रसिद्ध साबिर पाक दरगाह में चल रहे सालाना उर्स के दौरान पाकिस्तानी जायरीनों के साथ हुआ एक वाकया चर्चा का विषय बन गया है।
पिछले साल जब पाकिस्तान से आए 107 जायरीनों का स्वागत किया गया था, तब उन्हें गंगाजल और श्रीमद् भगवद गीता भेंट की गई थी। यह gesture हिंदू-मुस्लिम एकता और गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक था, लेकिन इस बार दरगाह के सज्जादा नशीन ने ऐलान किया है कि पाकिस्तानी जायरीनों को गंगाजल और गीता नहीं दी जानी चाहिए, जिससे विवाद ने तूल पकड़ लिया है।
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इस मुद्दे पर अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर गीता और गंगाजल को देने से परहेज़ क्यों? पिछले साल जब यह भेंट सम्मान के तौर पर दी गई थी, तो अब इस बार इसे लेकर विरोध क्यों हो रहा है? वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का कहना है कि यह पहले भी किया गया था, और इसमें किसी धर्म या मज़हब का सवाल नहीं था।
पाकिस्तान से हर साल हजरत मख्दूम अली अहमद साबरी के श्रद्धालु कलियर दरगाह आते हैं, लेकिन इस बार गीता और गंगाजल के प्रति इस तरह के रुख से सवाल उठने लगे हैं कि अगर इन प्रतीकों से इतना ही बैर है, तो फिर हिंदुस्तान आने की जरूरत क्या है?