Haryana News: पानीपत, हरियाणा पानीपत के सरकारी अस्पताल में doctor’s strike के चलते एक महिला ने इमरजेंसी गेट के फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। यह घटना उस समय हुई जब गर्भवती महिला को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन हड़ताल के चलते डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया और नर्स ने उसे इमरजेंसी गेट के फर्श पर बैठा दिया। Emergency room birth जैसी गंभीर स्थिति ने अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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Haryana News: प्रसव पीड़ा के दौरान मदद नहीं मिली
पानीपत के सरकारी अस्पताल में कंचन नामक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन उसे तुरंत सिविल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन doctor’s strike in Panipat के कारण डॉक्टरों ने उसे अन्य अस्पताल भेजने का निर्देश दिया। स्थिति गंभीर होते हुए भी अस्पताल का स्टाफ और डॉक्टर हड़ताल पर थे, जिससे कोई भी तत्काल सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई।
इमरजेंसी गेट पर जन्म
महिला की हालत नाजुक थी और उसे इमरजेंसी गेट पर ही छोड़ दिया गया। नर्स ने महिला को फर्श पर बैठाकर अस्पताल से चली गई। इस बीच, महिला ने फर्श पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला के परिजन इलाज के लिए डॉक्टरों से गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई भी उनकी मदद के लिए तैयार नहीं था। Negligence of hospital staff ने महिला और उसके परिवार को अत्यधिक कठिनाई में डाल दिया।
स्टाफ की प्रतिक्रिया और प्रशासन का बयान
कुछ देर बाद इमरजेंसी स्टाफ को सूचित किया गया, जिन्होंने जच्चा-बच्चा को प्रसूति वार्ड में शिफ्ट किया। सीएमओ डॉ. जयंत आहूजा ने बताया कि महिला की डिलीवरी इमरजेंसी के पास ही हुई है और दो महिला कर्मचारी उसके साथ थीं। उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल स्टाफ की ओर से कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल
Panipat hospital strike के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। हड़ताल के चलते मरीजों को जो परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और कर्मचारियों की जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा हो गया है। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन को अपनी सेवाओं में सुधार करने और मरीजों की देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए मजबूर किया है।
Haryana News: अस्पताल की इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि doctor’s strike effects और इसके परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर कमी से मरीजों को अत्यधिक कष्ट झेलना पड़ रहा है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।