Parents Tips बच्चे माता-पिता की जान होते हैं। ऐसे बहुत से पैरेंट्स है जो बच्चों को अपने साथ सुलाना पसंद करते हैं और बच्चे भी मां-बाप के साथ सोते हैं। इससे बच्चे और पैरेंट्स दोनों को फायदा होता है। बच्चे पैरेट्स के साथ ओपन माइंडेड हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पैरेंट्स को बच्चों को किस उम्र में अलग बैड पर सुलाना शुरू कर देना चाहिए और क्यों।
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क्या आपको बच्चे के साथ सोना चाहिए?
अपने बच्चे के साथ सह-नींद (co-sleeping) आपके दाम्पत्य जीवन को भी प्रभावित कर सकती है। 2015 में मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, जयपुर और पुणे में पेरेंटिंग वेबसाइट बॉर्न स्मार्ट (Born Smart) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, लगभग 75 प्रतिशत जोड़ों ने स्वीकार किया कि सह-नींद ने उनके बीच अंतरंगता को नष्ट कर दिया। और अगर दंपति अपने बच्चे के साथ सह-नींद के मुद्दे पर असहमत हैं, तो इससे परिवार में तनाव और बढ़ जाता है।
किस उम्र में शुरू करनी चाहिए अलग सुलाने की आदत
पैरेंट्स 2 से 3 वर्ष की आयु में बच्चों को अलग सोने की आदत डालनी शुरू करनी चाहिए। क्योंकि इस उम्र में बच्चे अलग सोने की आदत आसानी से सीख सकते हैं। हालांकि ऐसी बहुत से पैरेंट्स है जो 7 से 8 वर्ष तक के बच्चों अपने साथ सुलाना ही पसंद करते हैं। किस उम्र में बच्चों के साथ सोना बंद कर दें पैरेंट्स: एक सर्वे (survey) के मुताबिक 45 प्रतिशत पैरेंट्स ने 8 से 12 वर्ष से पहले बच्चों को अलग सुलाना शुरू कर दिया। वहीं 13 प्रतिशत पैरेंट्स ने 12 वर्ष तक के बच्चों को सोने के लिए अलग बैड (bed) दिया।