News Today: Patanjali Ayurvedic Limited ने आज Supreme Court को सूचित किया है कि उसने अपने 14 products की बिक्री रोक दी है। यह कदम Indian Medical Association (IMA) के आरोपों के बाद उठाया गया है। IMA ने पतंजलि पर आरोप लगाया था कि उसने कोरोना/एलोपैथी इलाज के खिलाफ झूठी जानकारी फैलाई है। इसके जवाब में उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि के 14 products के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए थे।
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News Today: IMA के आरोपों पर प्रतिक्रिया
IMA ने आरोप लगाया था कि Patanjali ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए अपने उत्पादों का झूठा प्रचार किया था, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसके अलावा, पतंजलि पर यह भी आरोप था कि उसने एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं, जिससे डॉक्टरों और चिकित्सा समुदाय में नाराजगी फैल गई थी।
सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
इस मामले में Supreme Court ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया था। Patanjali ने आज कोर्ट में पेश होकर कहा कि उसने सरकार के आदेशों का पालन करते हुए अपने 14 उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है। पतंजलि के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि कंपनी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में इस तरह की किसी भी गतिविधि से बचने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
Patanjali के उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल
इस विवाद के बीच, Patanjali ने अपने products की गुणवत्ता और उनकी प्रभावशीलता को लेकर सवालों के जवाब देने का वादा किया है। कंपनी का कहना है कि वह Ayurvedic चिकित्सा पद्धति में विश्वास करती है और अपने उत्पादों के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार के प्रति प्रतिबद्ध है।
आगे की दिशा
Patanjali Ayurvedic Limited ने साफ किया है कि वह अपने products के बारे में फैली किसी भी गलत जानकारी को दूर करने के लिए तत्पर है। कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह सभी नियामक मानकों का पालन करती है और आगे भी करेगी।