Paytm Salary Cut: Paytm ने हाल ही में अपने बोर्ड के Non-Executive Independent Directors की सैलरी में एक बड़ा बदलाव किया है। अब तक जहां इन सदस्यों को करोड़ों की सैलरी मिल रही थी, वहीं अब कंपनी ने इस पर कैंची चला दी है। नए सैलरी स्ट्रक्चर के मुताबिक, अब कोई भी बोर्ड मेंबर सालाना 48 लाख रुपये से ज्यादा नहीं कमा पाएगा।
पहले करोड़ों में खेलते थे, अब लाखों में करेंगे गुजारा!
पहले Paytm के कुछ बोर्ड सदस्यों की सैलरी आसमान छू रही थी। मिसाल के तौर पर, श्री अशित रंजीत लिलानी को 1.65 करोड़ रुपये सालाना और श्री गोपालासमुद्रम श्रीनिवासराघवन सुंदरराजन को 2.07 करोड़ रुपये सालाना मिलते थे। अब ज़रा सोचिए, 48 लाख रुपये की सैलरी के आगे ये रकम कितनी बड़ी दिखती है। लेकिन अब कंपनी ने इन करोड़ों की सैलरी को घटाकर 48 लाख रुपये पर फिक्स कर दिया है।
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सैलरी का नया फॉर्मूला क्या है?
अब हर Non-Executive Independent Director की सालाना सैलरी में 20 लाख रुपये का फिक्स्ड हिस्सा होगा, जो पक्का है। इसके अलावा बाकी की सैलरी वेरिएबल होगी, यानी यह इस बात पर निर्भर करेगी कि वे कितनी मीटिंग्स में शामिल होते हैं और कितनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं। इस तरह से कंपनी ने सैलरी स्ट्रक्चर को थोड़ा फ्लेक्सिबल रखा है, ताकि जो ज्यादा मेहनत करे उसे ज्यादा पैसा मिले।
क्यों चली सैलरी पर कैंची? जानिए वजह!
Paytm ने इस फैसले को लेने के पीछे कुछ बड़ी वजहें बताई हैं। कंपनी का कहना है कि उन्होंने दूसरे बिजनेस मॉडल वाली कंपनियों के सैलरी स्ट्रक्चर को देखकर ये बदलाव किया है। साथ ही, इसका मकसद कंपनी में अच्छे गवर्नेंस प्रैक्टिसेस को बढ़ावा देना है।
एक कहावत है, “कपड़ा देख के पैर फैलाओ।” Paytm का यह फैसला भी कुछ ऐसा ही है। कंपनी अपने खर्चों को कम करने और प्रॉफिट के रास्ते पर तेजी से बढ़ने के लिए यह कदम उठा रही है। बोर्ड के सदस्यों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है, जो बताता है कि वे भी कंपनी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार हैं।
बोर्ड में क्या हैं नए ट्विस्ट और टर्न्स?
Paytm सिर्फ सैलरी में बदलाव करके नहीं रुका, बल्कि उन्होंने अपने बोर्ड में कुछ नए बदलाव भी किए हैं। कंपनी ने Elevation Capital के फाउंडर और को-मैनेजिंग पार्टनर रवि चंद्र अदुसुमल्ली की फिर से नियुक्ति के लिए शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मांगी है। रवि चंद्र अदुसुमल्ली का रिटायरमेंट हो रहा है, लेकिन कंपनी चाहती है कि वे फिर से बोर्ड में शामिल हों।
Elevation Capital, Paytm के शुरुआती दिनों से उसका साथी रहा है, और इस नए बदलाव के साथ, Paytm अपने बोर्ड में और भी मजबूत नेतृत्व को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि उनके बोर्ड में वही लोग हों जो कंपनी के लिए बेहतर फैसले ले सकें।
शेयरहोल्डर्स के लिए क्या है इस फैसले का मतलब?
Paytm के इस फैसले का सीधा संदेश है – कंपनी सिर्फ अपने फायदे के बारे में नहीं सोच रही, बल्कि वह अपने गवर्नेंस और फाइनेंशियल प्लानिंग पर भी ध्यान दे रही है। यह शेयरहोल्डर्स के लिए एक अच्छा संकेत है, क्योंकि इससे यह पता चलता है कि कंपनी अपने खर्चों को संभालते हुए प्रॉफिट की दिशा में बढ़ रही है।
इस फैसले से साफ है कि Paytm अपने बोर्ड में उन्हीं लोगों को रखना चाहती है जो कंपनी की बेहतरी के लिए काम कर सकें। सैलरी में कटौती दिखाती है कि कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने के लिए तैयार है।
Paytm का यह मास्टरस्ट्रोक दिखाता है कि कंपनी फिजूलखर्ची से बचकर सही दिशा में आगे बढ़ने का प्लान बना रही है। यह बदलाव न सिर्फ कंपनी की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाएगा, बल्कि इससे Paytm का गवर्नेंस भी और मजबूत होगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि Paytm अपने इस नए सैलरी स्ट्रक्चर और बोर्ड में बदलावों के साथ क्या नई ऊंचाइयां छूता है।