Alias Saifuddin Masjid: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय ब्रुनेई यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बागवान में स्थित उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया। यह मस्जिद ब्रुनेई की दो प्रमुख मस्जिदों में से एक है और देश का राष्ट्रीय चिन्ह स्थल भी है।
उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद की विशेषताएँ
उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद, ब्रुनेई की सबसे बड़ी और पुरानी मस्जिदों में से एक है। इसका निर्माण 4 फरवरी 1954 को शुरू हुआ था और लगभग 5 साल में पूरा हुआ। इस मस्जिद के निर्माण में 11 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई थी और इसमें 700 टन स्टील तथा 1500 टन कंक्रीट का उपयोग किया गया। मस्जिद की नींव की गहराई 80-120 फीट है।
मस्जिद की वास्तुकला और सजावट मस्जिद की वास्तुकला भारतीय मुगल साम्राज्य से मिलती-जुलती है और इसका गुंबद सोने से ढका हुआ है। मस्जिद की ऊंचाई 171 फीट है और इसका आकार 69X24 मीटर है। एक साथ 3 हजार श्रद्धालु इस मस्जिद में बैठ सकते हैं। सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन तृतीय के 42वें जन्मदिन समारोह के दौरान इस मस्जिद का उद्घाटन 1958 में किया गया था।
पीएम मोदी की मुलाकात पीएम मोदी ने मस्जिद के दौरे के दौरान भारतीय समुदाय और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की। उन्होंने इस मस्जिद के बारे में जानकारी ली और भारतीय हाई कमीशन के नए परिसर का उद्घाटन भी किया, जिसे दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक माना गया।