Trending News: विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि रणनीतिक स्वायत्तता के मामले में भारत की अपनी अलग सोच है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत, बांग्लादेश के हालातों पर लगातार नजर बनाए हुए है। यह बयान हाल ही में अमेरिका के साथ भारत के संबंधों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के बाद आया है।
भारत-अमेरिका संबंधों पर जोर
रणधीर जायसवाल ने भारत-अमेरिका संबंधों पर कहा, “भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक, वैश्विक साझेदारी है। दोनों देशों के पास चर्चा करने के लिए बहुत सारे मुद्दे हैं। दोनों पक्षों के बीच कई विषयों पर एक-दूसरे के साथ बातचीत होती रही है। जो भी एक-दूसरे के हित में है, उस मुद्दे पर चर्चा की जाती है। राजनयिकों के बीच बातचीत की जानकारी देना हमारी कार्य प्रणाली नहीं है।”
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एरिक गार्सेटी का बयान
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि वे भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का सम्मान करते हैं, लेकिन संघर्ष के इस समय में ऐसी रणनीतिक स्वायत्तता का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, “मुश्किल के इस समय में हमें एक-दूसरे के साथ खड़े रहने की आवश्यकता है। युद्ध और संघर्ष के इस समय में हमें सिर्फ शांति के लिए खड़े नहीं रहना चाहिए। हमें ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता है, जो शांति के खिलाफ खड़े होते हैं।”
पीएम मोदी का रूस दौरा
गार्सेटी की यह टिप्पणी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के बाद आई है। रूस में पीएम मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात पर अमेरिका ने सवाल उठाए थे। इस मुलाकात के बाद अमेरिका ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता पर चर्चा की और इसे वर्तमान समय में अप्रासंगिक बताया।
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बांग्लादेश के हालात
रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि भारत, बांग्लादेश के हालातों पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा, “भारत अपने पड़ोसी देशों के हालात पर हमेशा नजर रखता है और बांग्लादेश के हालात पर भी हमारी नजर बनी हुई है। हम अपने पड़ोसियों के साथ मजबूत और सहयोगी संबंध बनाए रखना चाहते हैं।”
रणनीतिक स्वायत्तता पर भारत की सोच
रणधीर जायसवाल ने कहा, “रणनीतिक स्वायत्तता के मामले में भारत की अपनी अलग सोच है। हम अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार अपनी विदेश नीति बनाते हैं और इसके तहत हम किसी भी देश के साथ संबंधों को महत्व देते हैं। भारत की रणनीतिक स्वायत्तता का उद्देश्य विश्व में शांति और स्थिरता बनाए रखना है।”
निष्कर्ष
रणधीर जायसवाल के इस बयान ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और अमेरिका के साथ उसके संबंधों को स्पष्ट किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अपनी विदेश नीति को अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार तय करता है और अपने पड़ोसियों के हालात पर भी नजर बनाए रखता है। एरिक गार्सेटी के बयान के बावजूद भारत अपने रणनीतिक स्वायत्तता पर कायम है और अपनी विदेश नीति को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।
यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत और अमेरिका के बीच कई मुद्दों पर चर्चा होती रहती है और दोनों देश एक-दूसरे के हितों का सम्मान करते हैं। वहीं, भारत अपने पड़ोसियों के साथ भी मजबूत और सहयोगी संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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