Samajwadi Party (सपा) अपने बागी विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करने की योजना बना रही है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, Samajwadi Party अपने बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए ठोस सबूत जुटा रही है। पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को जल्द ही एक चिट्ठी भेजने का निर्णय लिया है, जिसमें इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की जाएगी।
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Samajwadi Party MLAs और सदस्यता समाप्ति की योजना
सपा के बागी विधायक 29 जुलाई से शुरू होने वाली विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकें, इस उद्देश्य को लेकर पार्टी गंभीर है। इन बागी विधायकों में मनोज पांडेय, राकेश पांडे, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्या शामिल हैं। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को वोट दिया था, जबकि महाराजा प्रजापति ने मतदान में हिस्सा नहीं लेकर BJP Support किया था।
Anti-Defection Law के तहत कार्रवाई
लोकसभा चुनाव के दौरान, इन विधायकों ने खुले मंचों पर स्मृति ईरानी के पक्ष में प्रचार भी किया था, हालांकि स्मृति ईरानी चुनाव हार गईं। सपा का मानना है कि इन बागी विधायकों की गतिविधियाँ पार्टी के अनुशासन और दिशा के खिलाफ हैं, और इसीलिए उनकी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। Anti-Defection Law के तहत सपा की यह कार्रवाई पार्टी के भीतर अनुशासन और एकजुटता बनाए रखने की एक महत्वपूर्ण पहल है।
Membership Termination के लिए सबूत जुटाना
सपा पार्टी अपने बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए ठोस सबूत जुटा रही है। इन सबूतों में राज्यसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान विधायकों की गतिविधियों के प्रमाण शामिल हैं। सपा का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Samajwadi Party की रणनीति और आगे की योजना
समाजवादी पार्टी ने यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं कि बागी विधायक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल न हो सकें। पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखने की योजना बनाई है जिसमें इन विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की जाएगी। यह कदम पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखने और बागी गतिविधियों को रोकने के लिए उठाया गया है।
राजनीतिक परिणाम और भविष्य की दिशा
इस मामले के राजनीतिक परिणाम दूरगामी हो सकते हैं। यदि सपा अपने बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने में सफल होती है, तो यह अन्य पार्टियों के लिए भी एक संदेश होगा कि अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम पार्टी के भीतर अनुशासन और एकजुटता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।