Nepal News: द्वारा छोड़े गए पानी ने सरयू नदी में भारी बाढ़ का कारण बना दिया है, जिससे तराई के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए हैं। नेपाल के गिरजा और शारदा बैराज से छोड़े गए 4 लाख क्यूसेक पानी के कारण सरयू नदी का जल स्तर 106.216 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर है। नदी के जलस्तर में लगातार 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की वृद्धि हो रही है। Nepal से और भी पानी छोड़े जाने की संभावना के चलते सैकड़ों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
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सरयू नदी में आई बाढ़ से रामनगर तहसील के सिसौंडा, दुर्गापुर, मल्लाहनपुरवा जैसे दर्जनों गांवों के लोग परेशान हैं। सूरतगंज के हेतमापुर, सुंदरनगर, ललपुरवा, कोडरी और बाबा पुरवा गांव पूरी तरह से पानी से घिर गए हैं। अगर पानी इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो बाकी के गांव भी जल्द ही प्रभावित हो जाएंगे। इसके साथ ही कोरिनपुरवा, तपेसिपाह, जैनपुरवा गांवों में कटान का भी खतरा बढ़ गया है।
Impact on Schools and Education
बाढ़ के पानी ने रामनगर के प्राथमिक विद्यालय तपेसिपाह और सिरौलीगौसपुर के प्राथमिक विद्यालय तेलवारी को भी डूबा दिया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गई है। यह स्थिति न केवल बच्चों की शिक्षा पर असर डाल रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी खतरा बन गई है।
Emergency Relief Measures
तहसील प्रशासन तटबंधों का निरीक्षण कर जल स्तर पर नजर बनाए हुए है। बाढ़ के पानी के बढ़ने के बाद लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर तैयार कर दिए हैं और ग्रामीणों की हर संभव मदद की जा रही है।
बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि Nepal के बैराजों से पानी छोड़ा गया है, जिससे नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर तैयार कर दिए गए हैं और प्रशासन ग्रामीणों की हर संभव मदद कर रहा है। लोगों को सतर्क रहने की अपील जारी की गई है।
Flood-Affected Villages
सरयू नदी में बाढ़ से प्रभावित गांवों में प्रमुख रूप से सिसौंडा, दुर्गापुर, मल्लाहनपुरवा, हेतमापुर, सुंदरनगर, ललपुरवा, कोडरी और बाबा पुरवा शामिल हैं। इन गांवों में पानी भरने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
Government and Community Response
प्रशासन का ध्यान इस बात पर है कि ग्रामीणों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। राहत कार्यों के तहत बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की जा रही है। इसके अलावा, ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।